पर्यावरण संरक्षण के लिए जन आंदोलन ज़रुरी-डॉ खरे

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सीईपीआरडी प्रदेशभर में पर्यावरण संरक्षण के लिए करेगा साहित्यिक गतिविधियाँ

इंदौर (4 जून)। विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर पर्यावरण संरक्षण अनुसंधान एवं विकास केंद्र द्वारा पर्यावरण संरक्षण साहित्य उत्सव आयोजित किया गया।
इंदौर प्रेस क्लब में रविवार शाम आयोजित हुए इस उत्सव में जहाँ पर्यावरण जागरूक को लेकर चिंतन मनन हुआ वही साहित्यिक प्रतियोगिताओं के पुरस्कार भी वितरित किए गए।
मुख्य अतिथि मध्यप्रदेश युवा आयोग के अध्यक्ष डॉ. निशांत खरे ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण केवल कर्तव्य नहीं, धर्म है और साहित्य उत्सव जैसे नवाचारों से ही पर्यावरण संरक्षण अब सम्भव है। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए जन आंदोलन की ज़रूरत बताई । साथ ही कहा कि साहित्य जगत् को पर्यावरण संरक्षण और जागरूकता के लिए बड़ी भूमिका अदा करना होगी। विशेष अतिथि इंदौर प्रेस क्लब अध्यक्ष अरविंद तिवारी ने इंदौर में पर्यावरण संरक्षण और जागरूकता को लेकर मीडिया की बड़ी भूमिका का ज़िक्र किया।
स्वागत उदबोधन सीईपीआरडी के उपाध्यक्ष डॉ अनिल भंडारी ने दिया। विषय प्रवर्तन सचिव डॉ रमेश मंगल में किया, संस्था परिचय सह सचिव अभिनव धनोड़कर ने व अतिथि परिचय आयोजन संयोजक मुकेश तिवारी ने दिया। संचालन समन्वयक डॉ. संगीत भारूका ने किया। आभार डॉ अर्पण जैन ने माना। इस आयोजन में इंदौर प्रेस क्लब और अभिन्शा वेलफेयर ग्रुप की सहभागिता रही।

यह रहे विजेता

कहानी प्रतियोगिता में प्रथम श्रीमती सरला मेहता, द्वितीय योगिता वाजपेई, तृतीय सुनीता मिश्रा, प्रोत्साहन यशोधरा भटनागर, डॉ सुधा चौहान।

रिपोर्टिंग प्रतियोगिता में प्रथम महेश बंसल, द्वितीय राहुल दुबे तृतीय सीमा शाह, प्रोत्साहन नासेरा मंसूरी, उदय प्रताप सिंह कविता प्रतियोगिता में प्रथम नरेंद्र पाल जैन, ऋषभदेव एवं सुनील दुबे, द्वितीय दिव्या शर्मा, तृतीय विनीता तिवारी और प्रोत्साहन मधुलिका सक्सेना, भुवनेश दशोत्तर।
लघुकथा प्रतियोगिता में प्रथम नीना सिंह सोलंकी, द्वितीय गोविंद भारद्वाज, डॉ पूजा अलापुरिया, तृतीय पवन जैन, प्रोत्साहन श्रीमती मीना गोदरे और सुधा दुबे।

साहित्य जगत की यह हस्तियां हुई सम्मानित
सूर्यकांत नागर, क्रांति चतुर्वेदी, डॉ पद्मासिंह, कांता रॉय, मनीष वैद्य, सीमा व्यास, डॉ गरिमा दुबे, डॉ आशुतोष दुबे, डॉ सोनाली नरगुंदे

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आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।