राष्ट्रकवि सत्तन जी को मिलेगा स्व.सुरेन्द्र दुबे स्मृति का पांचवां सम्मान एवं पुरस्कार

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4 जून को होगा भव्य समारोह और कवि सम्मेलन

इंदौर। विश्व विख्यात हास्य कवि एवं संवेनदनशील गीतकार रहे स्व. सुरेन्द्र दुबे की स्मृति में स्थापित पाँचवा सम्मान एवं पुरस्कार देश के प्रतिष्ठित हास्य कवि, मंच संचालक तथा मध्यप्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष रहे इंदौर के पं.सत्यनारायण सत्तन को प्रदान किया जाएगा। उक्त पुरस्कार में एक लाख ग्यारह हजार एक सौ ग्यारह रूपए नगद तथा शॉल, श्रीफल, ताम्रपत्र एवं स्मृति चिह्न आदि दिए जाते है। देशभर में किसी कवि की स्मृति में व्यक्तिगत संस्थान द्वारा दिए जाने वाले पुरस्कारों में यह सबसे बड़ी राशि का पुरस्कार है। श्री सुरेन्द्र दुबे स्मृति संस्थान के पदाधिकारियों की हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। राजस्थान के अजमेर जिले की केकड़ी तहसील के छोटे से गांव गुलगांव में पैदा हो कर पूरी दुनिया में का मान बढ़ाने वाले अप्रितम कवि, गीतकार एवं साहित्यकार स्व. दुबे की स्मृति में इस वर्ष भी सार्वजनिक स्तर पर भव्य आयोजन किया जाएगा। पांचवी पुण्य तिथि पर 01 जनवरी 2023 को होने वाले सम्मान समारोह एवं अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन इस वर्ष 04 जून को किया जाएगा। स्थापित परंपरा के अनुसार एक वर्ष यह पुरस्कार देश के प्रतिष्ठित हास्य कवि एवं एक वर्ष प्रतिष्ठित गीतकार को दिया जाता रहा है। गत वर्षों में यह पुरस्कार देश के लब्ध प्रतिष्ठित हास्य कवि पद्मश्री सुरेन्द्र शर्मा-नई दिल्ली, अप्रतिम गीतकार श्री संतोष आनंद-नई दिल्ली, हास्य एवं व्यंग्यकार पद्मश्री अशोक चक्रधर तथा अन्तरराष्ट्रीय मंच संचालिका व कवयित्री डॉ.कीर्ति काले-नई दिल्ली को प्रदान किया जा चुका है। कमेटी ने यह भी निर्णय लिया कि स्व. दुबे के सम्मान समारोह में देश के नामचीन कवियों को आमंत्रित किया जाएगा। जन महोत्सव के रूप में आयोजित होने वाले इस आयोजन की तैयारिया प्रारंभ कर दी गई है। बैठक में संस्थान के अध्यक्ष चन्द्रप्रकाश दुबे, सचिव डॉ. अविनाश दुबे, प्रमुख मानद सदस्य केन्द्रीय साहित्य अकादमी से पुरस्कृत ख्याति प्राप्त साहित्यकार कवि कैलाश मण्डेला–शाहपुरा, अन्तरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवयित्रि डॉ. कीर्ति काले- नई दिल्ली, दैनिक नवज्योति ब्यूरो चीफ सुरेन्द्र जोशी–केकड़ी सहित रणवीर सिंह सोढ़ी, ब्रहमानन्द शर्मा, सत्यनारायण सोनी एस.एन. न्याति कैलाश खण्डेलवाल, केदार शर्मा, अभिषेक सिंह, विजय मूलचन्दानी व अन्य गणमान्य सदस्यों ने भाग लिया।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।