वीर बैसाखी

0 0
Read Time1 Minute, 44 Second

स्वनाम धन्य है अमृतसर
नानक की धरा, अमृत है भरा
इक ऊंकार हर ज़ुबान पर रहे
सेवा का व्रत सबने है लिया
हिंदूस्तान की आज़ादी थी धर्म
खेत -खलिहान, गली-मोहल्ला
युवा–सा जोश, उम्र का नाम होश
1919 की बैसाखी ने रचा इतिहास
पंज दरिया की‌ धरा ख़ून से नहाई
जलियांवाला बाग कुर्बानियों की दुहाई
जनरल डायर ने निहत्थों को भूना
अंग्रेज़ों ने बदले के लिए मासूमों को चुना
अंधे बहरे‌ कानून ने गज़ब हिंसा दिखाई
घेरा गुरू के सेवकों को हुआ पीठ पर वार
मिनटों में‌ हुई गोलियों की अंधाधुंध बरसात
बालक, वृद्ध, सुखमन भाई-बहन थे दंग
सभी रास्ते‌ किये आततायियों ने बंद
कभी ना भूलें आज़ाद भारत ख़ून की होली
शरीर, आत्मा, मन, प्राण झेल रहे दनदनाती गोली
जलियांवाला बाग, स्वर्ण मंदिर कहे कहानी
हिंदूस्तान की आज़ादी में अमृतसर की ज़ुबानी
कायर जनरल‌‌ की क्रुरता का वो‌‌ खेला
‌‌लील गया मासूम दिलों से बैसाखी का मेला
शहीद स्मारक करें हम स्मरण सदा
नमन करें हर नाम को जो वहाॅं खुदा
‌तिरंगे की आन बान शान है जलियांवाला बाग
‌‌स्वनाम धन्य‌ है अमृतसर
नानक की धरा अमृत है भरा

डाॅ.नीना छिब्बर,

जोधपुर, राजस्थान

matruadmin

Next Post

मातृभाषा डॉट कॉम द्वारा आयोजित कविता प्रतियोगिता में चन्द्रमणि मणिका विजेता

Thu Apr 13 , 2023
इंदौर। हिन्दी भाषा के लिए साहित्य अकादमी मध्य प्रदेश शासन द्वारा अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार के लिए चयनित मातृभाषा डॉट कॉम द्वारा जलियांवाला बाग दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कविता प्रतियोगिता में दिल्ली की चन्द्रमणि मणिका विजेता बनीं। मातृभाषा डॉट कॉम के सम्पादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने बताया […]

पसंदीदा साहित्य

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।