संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने कवि कुँवर बैचैन पर बने डाक टिकट का किया लोकार्पण

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*डॉ कुँवर बेचैन संवेदनाओं के कवि- उषा ठाकुर*
इंदौर।

प्रेम और सौहार्द के कवि के रूप में हिन्दी कवि सम्मेलनों के स्वर्णाक्षर रहे डॉ कुँवर बैचैन की स्मृतियों को चिर स्थायी बनाने के उद्देश्य से मातृभाषा उन्नयन संस्थान के माध्यम से मध्यप्रदेश की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने डॉ कुँवर बेचैन पर डाक टिकट लोकार्पित किया। साथ में संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अर्पण जैन ‘अविचल’ साथ रहें।इस अवसर पर मध्यप्रदेश शासन में संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि ‘डॉ कुँवर बेचैन मानवीय संवेदनाओं के कवि रहें है, उनकी जन्मजयंती के अवसर पर मातृभाषा उन्नयन संस्थान के माध्यम से डाक टिकिट लोकार्पित करना मेरा सौभाग्य हैं।’बीते दिनों कोरोना से लड़ते हुए हिन्दी कवि सम्मेलनों के शिखर कलश डॉ कुँवर बैचैन जी का निधन हो गया था, आज उनकी जन्म जयंती के उपलक्ष्य में डॉ बेचैन की स्मृति में जारी डाक टिकट के लोकार्पण में कवि गौरव साक्षी, मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य नितेश गुप्ता, सुनील शेखावत, गोविन्द पँवार आदि उपस्थित रहें।

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।