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व्यर्थ चिंतन को छोड़कर
कर लो कुछ उपकार
संकट में घिरे है जो जन
मोचक बन करो परोपकार
पीड़ित सेवा परमात्म सेवा
यही सुख आधार बनेगी
रोते हुओ को हंसाने का
यही जीवन आधार बनेगी
स्वयं बदलो जग बदलेगा
यह धारणा खूब जमेगी
कांटे से फूल बनाने की
यह युक्ति कामयाब बनेगी।
#श्रीगोपाल नारसन
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