
हर देश की प्रगति में
श्रमिकों का बड़ा हाथ होता है।
देश की रीड भी मजदूर होता है।
बिना मजदूरों के कोई भी
कुछ कर नहीं सकता है।
इसलिए तो इन्हें मिलो
का भगवान कहा जाता है।
और बिना मजदूरों के कोई
उद्योगपति बन नहीं सकता।।
मजदूर की मेहनत से ही
कारोवार फल फूल रहे हैं।
मेहनत श्रमिको की होती है
तिजोरी भरती है मालिक की।
उसके पसीने की बूंदों का
नहीं मिलता उसे हक।
दिन रात एक करके वो
दो वक्त की रोटी खाता है।
उसके हक का फल यारों
मिल मालिक खा जाते हैं।
मजदूरो का जीवन दोस्तों
इसी तरह से चलता हैं।
और मालिक का परिवार
यश आराम से जीता है।।
उद्योगपति का करोवार
मजदूरों की मेहनत पर
ही निर्भर करता हैं।
तपता भट्टो में वो है पर
सोना मालिक को मिलता है।
श्रमिक जिये चाहे या मरे
पर उसे फरक नहीं पड़ता है।
बस उसे तो पैसे कमाने से
मतलब होता है।
क्योंकि श्रमिक उसके लिए
चलती फिरती मशीन होता है।
जिसके बिना उद्योगपतियों का
जीवन अधूरा होता है।।
मजदूर बिना मालिक का
दिल धड़क सकता नहीं।
उसका व्यापार भी
कभी चल सकता नहीं।
इसलिए देश का आधार
श्रमिक ही होता है।
जो देश की प्रगति के लिए
बहुत मेहनत करता हैं।
जिसके कारण ही देश
आत्म निर्भर बनता है।
इसलिए तो देश की रीड
मजदूरों को कहा जाता हैं।।
आज मजदूर दिवस पर सभी मजदूर भाई बहिनो को बधाई और शुभ कामनाएं।
जय जिनेंद्र देव
संजय जैन मुंबई