जिंदगी का भरोसा नहीं

0 0
Read Time1 Minute, 4 Second

जिंदगी का अब
कोई भरोसा नहीं है।
अभी तो जिंदा है पर
अगले पल का पता नहीं।
आज मैंने मौत को
नजदीक से निकलते देखा।
और अपने परिजन को
बात करते करते जाते देखा।।

मानव जन्म मिलने का
जो विचार मन में आया।
उन्हें लब्जो में हम
व्या कर सकते नहीं।
बस यही सोचा की
न कोई से बैर रखे और
न किसी से अपनापन।
क्योंकि दोनों स्थिति में
तकलीफ मनुष्य को होती हैं।।

हालातो से हम सब
अब गुलाम बन गये हैं।
न जीने की तमन्ना है
न कुछ पाने का मन।
अभी है पर अगले पल का
किसी का भी भरोसा नहीं।
कैसा खेल विधाता इंसानो की
जिंदगी से खेल रहा है।
और इंसानो की करनी का
फल इंसानो को ही दे रहा हैं।
और ये सब ऊपर बैठाकर
नीचे के हाल को देख रहा।।

जय जिनेंद्र देव
संजय जैन मुंबई

matruadmin

Next Post

फेकू बाबा

Mon Apr 26 , 2021
कोरोना का रोना लटपट सांस भी छूट रही झटपट।। आया दवा हुए लापरवाह लगी कतारे सजी महफिल फिर सुनसान का दामन थामने सोचने लगी है सरकारें।। मानव तेरी फितरत ने परेशां किया जो चला जाने वाला था उसे वुलावा दिया।। यूं तो रैलियां न निकाला कर ऑन लाइन ही बुलाया […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।