
अगर पूछे कोई मुझसे कि मेरा सपना क्या है
तो मुकाम मुझे नहीं पता..
अगर कोइ कहे कि कल का क्या इरादा है
तो शायद मुझे नहीं पता।
रास्ते कुछ पता है, कुछ नहीं
सड़कों को ढूंढ लूँगी मैं फिर भी कही से,
बस इतना जरूर पता है कि हवा मेरे साथ है।
और वो मेरे साथ ही रहेगी , मुझे समझेगी।
मुझे ये नहीं पता कि क्या करना है और कैसे करना है…
बस इतना पता है कि भीड़ नहीं बल्कि अलग से अपना रास्ता चुनना हैं।
लोगों के जीने में जीना है,
एक ज़िंदगी में कितनी ज़िन्दगियाँ जी जानी है,
किसी के गम अपने समझकर जीना है, किसी की खुशियों में शामिल भी होना है ।
और इन सब में शामिल होकर भी अनछुई रहना चाहती हूँ…
मैं किसी की ख्वाईश नहीं बल्कि दुआ बनना चाहती हूँ।
मैं तन्हाई को मिटाने की दवा बनना चाहती हूँ।
खुद को देखती हूँ और कहती हूँ, हाँ ! मैं खुद की तरह बनना चाहती हूँ…
#सोमी खेमसरा
खाचरौद (मध्यप्रदेश)
परिचय-
नाम- सोमी खेमसरा ,
उम्र 21 साल
पता- खाचरौद , मध्यप्रदेश
मुझे लिखने का शौक है और मैं कवि, लेखक और उपन्यासकार बनने की ख्वाहिश रखती हूँ। मैंने बहुत सी कविताएँ लिखी हैं। मैं स्नातक हूं और वर्तमान में कंपनी सेक्रेटरी कोर्स (फाइनल) कर रही हूं। मेरे शौक यात्रा, खोज, पढ़ना, डायरी लेखन, शिल्प और खाना बनाना हैं।
मैं महिला सशक्तीकरण के लिए काम करना चाहती हूं, गरीबों के लिए विकास करना, पढ़ाई कराना और मानव सेवा में विश्वास रखती हूँ ।