सपने…

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अगर पूछे कोई मुझसे कि मेरा सपना क्या है
तो मुकाम मुझे नहीं पता..
अगर कोइ कहे कि कल का क्या इरादा है
तो शायद मुझे नहीं पता।
रास्ते कुछ पता है, कुछ नहीं

सड़कों को ढूंढ लूँगी मैं फिर भी कही से,
बस इतना जरूर पता है कि हवा मेरे साथ है।
और वो मेरे साथ ही रहेगी , मुझे समझेगी।
मुझे ये नहीं पता कि क्या करना है और कैसे करना है…
बस इतना पता है कि भीड़ नहीं बल्कि अलग से अपना रास्ता चुनना हैं।
लोगों के जीने में जीना है,
एक ज़िंदगी में कितनी ज़िन्दगियाँ जी जानी है,
किसी के गम अपने समझकर जीना है, किसी की खुशियों में शामिल भी होना है ।

और इन सब में शामिल होकर भी अनछुई रहना चाहती हूँ…
मैं किसी की ख्वाईश नहीं बल्कि दुआ बनना चाहती हूँ।
मैं तन्हाई को मिटाने की दवा बनना चाहती हूँ।
खुद को देखती हूँ और कहती हूँ, हाँ ! मैं खुद की तरह बनना चाहती हूँ…

#सोमी खेमसरा
खाचरौद (मध्यप्रदेश)

परिचय-
नाम- सोमी खेमसरा ,
उम्र 21 साल
पता- खाचरौद , मध्यप्रदेश
मुझे लिखने का शौक है और मैं कवि, लेखक और उपन्यासकार बनने की ख्वाहिश रखती हूँ। मैंने बहुत सी कविताएँ लिखी हैं। मैं स्नातक हूं और वर्तमान में कंपनी सेक्रेटरी कोर्स (फाइनल) कर रही हूं। मेरे शौक यात्रा, खोज, पढ़ना, डायरी लेखन, शिल्प और खाना बनाना हैं।
मैं महिला सशक्तीकरण के लिए काम करना चाहती हूं, गरीबों के लिए विकास करना, पढ़ाई कराना और मानव सेवा में विश्वास रखती हूँ ।

matruadmin

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भाग्य का सूरज

Tue Mar 16 , 2021
मिले सदा सम्मान ऐसे वचन बोलो मीठी हो वाणी उसमे मिस्री घोलो फिर देखो अपनत्व तुम्हे मिल जायेगा ईश्वर भी स्वयम तुम्हारे पास आएगा मिट जायेगा अँधेरा तुम्हारे जीवन से भाग्य का सूरज चमक जायेगा: श्री गोपाल नारसन Post Views: 428

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।