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क्रोध है शत्रु बड़ा
रहता है पास खड़ा
नज़र कही आता नही
हमसे दूर जाता नही
मन के किसी कोने में
जगह अपनी बनाता है
जब उसे अवसर मिलता
हावी हम पर हो जाता है
शेष विकार भाई इसी के
साथ दौड़े चले आते है
विवेक सारा हर लेते है
बीमारी भी साथ लाते है
बचकर रहो क्रोध विकार से
शांत मन से रहना सीखो
ओम शांति मन्त्र को
जीवन मे अपनाना सीखो।
#श्रीगोपाल नारसन
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