नेह की बूँद

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                    ० कोमल वाधवानी 'प्रेरणा'


                     नेह तो है इक सपना, 

                     जो शायद ही होता पूरा  ,

                     भावों की हलचल में।


                      इसलिए 

                     मैं नहीं मथती अब

                    अपने को। 

                     रीझती नहीं, 

                     रिश्तों को देख

                     पनपते।


                     समझ गई हूँ - 

                     नहीं है मनुष्य 

                     कोई धातु, 

                     जिसे लिया जाए

                     ठोंक - बजाकर।


                     हमारा भाग्य ही है कसौटी

                     और है केल का पत्ता, 

                     जिसपर 

                     क्या करें ? 

                     किसी के

                     नेह की बूँद 

                     ठहरती ही नहीं।

कोमल वाधवानी ‘प्रेरणा’

उज्जैन : 456010 (म.प्र.)

परिचय

         नाम : कोमल वाधवानी ' प्रेरणा '
   जन्मदिन :    5 मई ,1953 
जन्म स्थान : कोटा (राजस्थान )
       शिक्षा :  स्नातक,बी.एड. ,स्नातकोत्तर पूर्वार्द्ध ( अर्थशास्त्र )

विशेष कथ्य : दिव्यांग (दृष्टिबाधित)

        विधा : लघुकथा , कहानी , संस्मरण ,कविता,साक्षात्कार,                                                              विचारोत्तेजकआलेख, बालकथा, स्तंभ-लेखन                             प्रकाशित रचनाएँ : छह सौ से अधिक।

प्रकाशित पुस्तकें : तीन लघुकथा संग्रह, दो काव्य संग्रह एवं तेरह अ.भा. संकलन।
सम्मान : (1) श्रीमती केसरदेवी जानी स्मृति सम्मान :2017
साहित्य मण्डल ,श्रीनाथद्वारा (राज.)
(2) डॉ. महाराज कृष्ण जैन स्मृति सम्मान :2017
पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी , शिलांग (मेघालय)
(3) सै.मीर अली मीर हिंदीतर लेखक पुरस्कार 2018 : म.प्र. राष्ट्रभाषा प्रचार समिति ,भोपाल
(4) मानसश्री सम्मान : 2018
श्री मौनतीर्थ पीठ ,दशाश्वमेध घाट (गंगा घाट)
उज्जैन
(5) अहिल्या शक्ति सम्मान : 2020
वामा साहित्य मंच एवं घामासान न्यूज पोर्टल, इंदौर
सहित अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित

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