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घाव भर जाता है गोली का
नही भर पाता है बोली का
बोली गैर को अपना बनाती
बोली ही अपनो को गैर बनाती
जीवन मे अहम है बोली
विष से भी घातक है बोली
मधुर बोली खुशियां बरसाती
कड़वी बोली कष्ट पहुंचाती
मीठी बोली सबको भाती
सबको अपनी ओर लुभाती
मीठी बोली इतिहास रचाती
वही ईश्वरीय वाणी बन जाती।
#श्रीगोपाल नारसन
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