मॉरीशस के महात्मा गाँधी संस्थान से प्रकाशित त्रैमासिक साहित्यिक पत्रिका वसंत के ‘अभिमन्यु अनत विशेषांक’ हेतु रचनाएँ आमंत्रित

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प्रिय साथियों,

महात्मा गाँधी संस्थान के सृजनात्मक लेखन एवं प्रकाशन विभाग द्वारा १९७८ से त्रैमासिक साहित्यिक पत्रिका ‘वसंत’ (ISSN- 1694-4100) का हिंदी में निरंतर प्रकाशन होता आ रहा है l श्री अभिमन्यु अनत जी इसके प्रथम संपादक थे l प्रवासी हिंदी साहित्य के क्षेत्र में उनका अप्रतिम योगदान अविस्मरणीय है l उनकी स्मृति में महात्मा गाँधी संस्थान के सृजनात्मक लेखन एवं प्रकाशन विभाग, अप्रैल महीने में वसंत पत्रिका का अभिमन्यु अनत विशेषांक निकालने जा रहा है, इसके लिए रचनाएँ आमंत्रित हैं l आपकी रचनाओं में अभिमन्यु अनत के रचना-संसार से संबंधित आलेख, कविताएँ, साक्षात्कार, समीक्षाएँ, संस्मरण, यात्रा वृत्तांत, देश-विदेश की संस्थाओं में हुए कार्यक्रमों का रिपोर्ट या किसी भी तरह की महत्वपूर्ण सूचनाएँ, उनकी साहित्यिक प्रतिभा के अतिरिक्त फ़िल्म, चित्रकला, फ़ोटोग्राफ़ी आदि क्षेत्र विशेष के बारे में भी महत्वपूर्ण जानकारियाँ सम्मिलित हो सकती हैं l

कृपया ध्यान रखें, प्रकाशन का अंतिम निर्णय रचना की गुणवत्ता पर निर्भर करेगा l रचना अधिकतम शब्द संख्या 3000, यूनिकोड फॉण्ट, साइज़ १२ में टंकित वर्ड फ़ाइल में ही पूरे नाम, पता, पद के साथ भेजें और अपना एक हालिया फ़ोटो भी ई-मेल के साथ संलग्न करें l रचना भेजने की अंतिम तिथि 20 मार्च (2021) है l अंतिम तिथि के बाद भेजी गई रचनाओं के प्रकाशन पर विचार नहीं किया जाएगा l

सधन्यवाद
डॉ कृष्ण कुमार झा

matruadmin

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।