नारी के शब्द

0 0
Read Time1 Minute, 13 Second

मज़बूर हूँ मैं।
मगर ये मत समझना,
कि कमज़ोर हूँ।
मज़बूत हूँ मैं,
साथ ही ग़रीब हूँ।
मगर लाचार नहीं।।

तेरे शोषण का सबूत हूँ मैं,
तेरी ही पहचान हूँ मै।
फिर भी अपनों के लिए
कार्य कर रही हूँ।
दुखी होते हुए भी,
आनंदमय जीवन जिये
जा रही हूँ मै।
मज़बूर हूँ मैं,
मगर ये मत समझना,
कि कमज़ोर हूँ।।

मिटाएगा मुझे तू क्या,
इतनी हिम्मत कहा तुझमे ?
क्योकि में सदा ही कर्म करने में,
जो आस्था जो रखती हूँ।
इसलिए मेरा भगवान,
हमेशा ही मेरे साथ है।
तभी तो वो खुद कहता है,
की कण-कण में मौज़ूद हूँ।।
मज़बूर हूँ मैं,
मगर ये मत समझना,
कि कमज़ोर हूँ।।

दिलो में बुलंद हौसले,
लेकर हम जीते है।
हर कोई काम करने की,
इच्छा शक्ति रखती है।
कौन सा वो काम है,
जो हम कर नहीं सकते।
हर सुबह सकारात्मक नई,
सोच को लेकर जो उठाते है।
मज़बूर हूँ मैं,
मगर ये मत समझना,
कि कमज़ोर हूँ।।

जय जिनेंद्र देव
संजय जैन मुंबई

matruadmin

Next Post

साली

Fri Jan 29 , 2021
होता है वो आदमी बहुत भाग्यशाली नसीब होती है जिसे ससुराल में साली लगे ग्रीष्म ऋतु में जैसे शीतल पवन वैसी ही लगती है वामांगी की बहन कुरूप व्यक्ति को भी कहती है मनोहर बुढ़ापे में भी लगती है साली सबसे सुंदर दामाद बिन बुलाए भी ससुराल चला आता जब […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।