परमात्म याद

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परमात्म याद में
खाना बनाओ
परमात्मा को
फिर भोग लगाओ
यह भोग ही
प्रसाद बन जाएगा
स्वाद भोग का
स्वत:बढ़ जायेगा
रहे ध्यान
सात्विक हो भोजन
परमात्म याद मे
करिए भोजन
यह भोजन
गुणकारी होगा
तन और मन का
पोषण होगा
स्वस्थ बुद्धि
स्वस्थ मन हो जाएगा
परमात्ममय
जीवन हो जाएगा
ईश्वरीय ज्ञान से
आत्म ज्योति जलेगी
सतयुग की यही
स्वर्णिम दुनिया होगी।
#श्रीगोपाल नारसन

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हम औरतें

Sun Dec 27 , 2020
हम औरतें हृदय में लज्जा और अपमान की दर्द और बोझ लेकर यहाँ से वहाँ क्यों दौड़ते रहेंगे किसी की बलत्कार के बाद हत्या होने पर या किसी को जिन्दा जलाने पर घर से निकलकर मृत आत्मा की शान्ति के लिए सड़क पर मोमबत्ती क्यों जलायेगें हम भी तो बन्द […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।