मंत्रीजी कोमा में

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मंत्री जी बड़े बेचैन थे | कभी उठते, कभी बैठते तो कभी टी. वी. चालू बंद करते | वैसे गोद लिए चैनल देखकर मंत्री जी तृप्ति की साँस लेते थे, लेकिन इसबार उन्हें शांति मिल ही नहीं रही | लाला हरामदेव की तमाम हरकतें आजमा कर देख लीं पर शांति का दूर-दूर तक कोई अता-पता नहीं |

किसान आंदोलन रोकने के लिए उन्होंने क्या नहीं किया | सड़कें खुदवा दीं, देश के भीतर ही चीन-पाक बॉर्डर वाली कटीली तार लगवा कर, बड़े-बड़े पत्थर रखवाकर हाइवे बंद करा दीं परन्तु ये किसान तो पुलिस – फौज के बल पर भी नहीं रुके | अपने सभी अंधभक्तों को काम पर लगा दिया, किसानों को देशद्रोही साबित करने में, पर काम फिर भी न बना |

मंत्रीजी सोच रहे थे, अब जान कैसे बचे | उधर पंमानी-टंमानी का प्रेशर इधर दिल्ली में किसान | बड़ी विकट समस्या | न खाते बन रहा – न उगलते… किसान आंदोलन तो हलक में ही अटक गया | कोरोना का बहाना भी न चल सका |

सुना है मंत्रीजी कोमा में चले गये हैं |

  • मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

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लक्ष्य

Fri Dec 18 , 2020
संघर्ष सतत करते जाओ कभी न तुम थकने पाओ जीवन लक्ष्य ऊंचा बनाओ परिश्रम से सफलता पाओ परमात्म कृपा हो जाएगी जीवन राह सुगम हो जाएगी सद्ऱाह पर बस चलते जाना सफल दर सफल होते जाना विजयी मुकाम दूर नही है कठिनाई इसमें कोई नही है विकारो को बस छोड़ते […]

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।