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क्रोध एक विकार है
इसे समझ लो खूब
जिसने इसे धारण किया
उसका विवेक जाता डूब
क्रोध निमित्त है रोग का
बढ़ता इससे संताप
जब भी कोई क्रोध करे
चेहरे पर बढ़ता ताप
क्रोध से मुक्ति का है
एक सरल ही उपाय
आत्म स्वरूप मे रहो
मन शांत हो जाएं
स्वधर्म हमारा शांति
क्रोध इसका अपवाद
ईश्वरीय याद मे जो रहे
उसके क्रोध न आएं पास।
#श्रीगोपाल नारसन
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