कोरोना में करवाचौथ

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मेरे साथ एक घटना घटी,
बात बिल्कुल सच्ची है पर अटपटी |
करवांचौथ का दिन था ,
मेरा मन बड़ा ही खिन्न था ,
दफ़्तर में काम ज्यादा था ,
काम करने वाला मै ही प्यादा था
मेरा पास एक मोबाइल आया
मै जरा उस समय घबराया
मैंने मोबाइल उठाया और बोला ,
“आप कौन साहब बोल है,”
दूसरी तरफ से आवाज आई,
“मैं बोल रहा नहीं,बोल रही हूँ ,
क्या आप नई कार खरीदना चाहोगे ?
करवांचौथ के मौके पर गिफ्ट देना चाहोगे ?
कार बहुत सस्ती है डिस्काउंट पर मिल रही है ,
केवल ये आज ही मिल रही है
ऐसा मौका कभी नहीं पाओगे
आज ले लो वरना पछताओगे,”
मै उसे टालने के मूड में था
पर वह देने के मूड में थी
मैंने कहा,अच्छा 7 -8 के बीच में आऊंगा
और नई कार डिस्काउंट पर ले जाऊंगा |
शाम हो चुकी थी अँधेरा हो चूका था
तभी फिर एक मोबाइल आया
मै फिर तनिक हड़बड़ाया
“सुनते हो,आते वख्त एक चलनी ले आना
भूलना नहीं मेरे साथ करवांचौथ मनाना”
मै बाज़ार गया,कोरोना का दौर था ,
एक के साथ एक चलनी फ्री मिल रही थी
मैंने दोनों चलनी अपने बैग में रख ली
और अपने घर की ओर राह ली
बैग टेबिल पर रख दिया
हाथ पैर धोने चल दिया
तभी फिर एक मोबाइल आया
जिसको मेरी बीबी ने उठाया
दूसरी तरफ से आवाज आई
“मै आपका इंतजार कर रही हूँ
आपने आठ बजे आने का वादा किया था
आप नहीं आ रहे हो तो मै आ रही हूँ ‘
बीबी का माथा तुरंत ठनका
उसने बैग खोला और पटका
उसमे दो नई चलनी निकली
बीबी तड़क कर बोली,
“जाओ उसी के पास जाओ
मुझे क्यों शक्ल दिखानेआये हो
मैंने अपनी सफाई देनी चाही
पर उसने मेरी कोई सुननी न चाही
उसने चप्पल उठाई,
और दस बारह मेरी चांद पे लगाई
इसी तरह से हमने करवांचौथ मनाई ||

आर के रस्तोगी
गुरुग्राम

matruadmin

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करवाचौथ

Wed Nov 4 , 2020
करवाचौथ केवल, एक दिन का त्योहार नहीं,, प्रेम की पावनता है ये, रिश्तो का कारोबार नहीं,, बरसों से इन रीतियों का, अनुसरण हुआ है,, सात फेरों की प्रीतियों का, पावन प्रण हुआ है,, इन पावन क्षणों का कभी, होता झूठा आधार नहीं,, करवाचौथ केवल, एक दिन का त्योहार नहीं,, प्रेम […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।