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अबोध से बोध बनाता जो
सदगुरु वही कहलाता है
जीवन का सन्मार्ग बताए
शिक्षक वही तो भाता है
जीवन जिसका प्रेरक रहे
शिक्षक वह सम्मानित रहे
मर्यादा गुरु की घटने न पाए
गरिमा गुरु की बढ़ती ही जाए
शिष्य की उन्नति भाए गुरु को
सुखद एहसास मिले गुरु को
परमात्म ज्ञान कराते गुरु ही
परमात्मा से मिलाते गुरु ही।
#श्रीगोपाल नारसन
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