सत्ता के रसगुल्ले और अमर सिंह …!!

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tarkesh ojha
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जिस तरह मुलायम सिंह यादव हैं उसी तरह पहले अमर सिंह चौधरी हुआ करते थे . राजनीति में पदार्पण के बाद काफी समय तक उनका यही पूरा नाम था . धीरे – धीरे वे अमर सिंह नाम से जाने – पहचाने लगे . वाकई बड़े दिलचस्प इंसान थे . राजनीति में पैसा और पावर के साथ ग्लैमर को जोड़ने वाले अनूठे राजनेता . अपने स्वर्ण काल में उनमें पता नहीं ऐसी कौन सी जादुई शक्ति थी , जो नकचढ़े तमाम सेलिबर्टी उनके एक इशारे पर खुशी – खुशी समाजवादी पार्टी की लाल टोपी पहनने को तैयार हो जाते थे . वाकपटुता और हाजिर जवाबी में भी उनकी कोई सानी नहीं थी .२००६ में बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान चर्चित अभिनेत्री जया प्रदा के साथ वे मेरे शहर आए तो उन्हें नजदीक से देखने का मौका मिला . इस चुनाव में समाजवादी पार्टी ने पश्चिम बंगाल की कुछ सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे . खड़गपुर शहर से दलीय उम्मीदवार थे सत्यदेव शर्मा . रावण मैदान में चुनावी सभा थी . तब चैनलों पर छाए रहने वाले अमर सिंह को बालीवुड. अभिनेत्री जया प्रदा के साथ देखने का अवसर मणि – कांचन संयोग की तरह था . क्योंकि रूपहले पर्दे पर हम उन्हें बचपन से देखते आ रहे थे . मीडिया से जुड़े होने के चलते हमारा उनसे रू ब रू होना भी तय था . निश्चित दिन वे जया प्रदा व अन्य सपा नेताओं के साथ सड़क मार्ग से कोलकाता से खड़गपुर रवाना हुए . हालांकि उन्हें रास्ते में देर हो गई . फिर भी मुंबई रोड स्थित एक होटल में उनके रुकने की व्यवस्था थी . यहीं उनसे हमारी मुलाकात होनी थी . खड़गपुरिया चाय की चुस्कियों के बीच संक्षिप्त बातचीत का अवसर मिला . किसी ने सपा उम्मीदवारों की दल बदल प्रवृत्ति पर सवाल किया . इस पर अमर सिंह ने तब के तमाम बड़े राजनेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सत्ता के रसगुल्लों के लिए जब इतने बड़े – बड़े नेता चोला बदल लेते हैं तो हमारे उम्मीदवारों की क्या बिसात … स्वर्गीय अमर सिंह को विनम्र श्रद्धांजलि ….

तारकेश कुमार ओझा
लेखक पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में रहते हैं और वरिष्ठ पत्रकार हैं।

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