कोरोना

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मानवता को ही भूलकर
मानव करता था सब काम
सुबह से लेकर शाम तक
नही था एक भी आराम
प्रकृति का खूब दोहन करा
वह धरा का किया नुकसान
सोंच रहा था उसने भी
खूब कर लिया है नाम
राष्ट्रों ने भी कर लिया था
परमाणु बम का इंतेज़ाम
लेना था सबसे अब इंतक़ाम
अर्थव्यवस्था को लेकर थी
राष्ट्रों की खूब यूँ खींचातान
जिसे देख होता ईश्वर हैरान
तभी अचानक एक दिन
वुहान शहर से आया मेहमान
था कोरोना नाम का शैतान
पूरे विश्व में डालकर डेरा
दिया खूब घातक अन्जाम
थे परमाणु से जो रौब झाड़ते
वो हो गए जीवाणु से हैरान
एक – दूजे के यूं सम्पर्क से
फैलने लगा था धीरे-धीरे रोग
सहमे -सहमे से रहने लगे थे
यूं सभी राष्ट्र के अब लोग
कोरोना ने खूब महामारी फैलाई
नही बनी है इसकी कोई दवाई
मिलकर अपनाए सब यूं उपाय
सामाजिक दूरी,सेनेटाइजर,मास्क
घर से बाहर जाने पर अपनाए
लॉकडाउन का पालन करे
कोरोना को मिलकर हराए
राष्ट्र को विश्व विजेता बनाए।।

आकिब जावेद
बाँदा,उत्तर प्रदेश

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।