एक युद्ध कोरोना के विरुद्ध, मातृभाषा ने दिलाया ऑनलाइन संकल्प

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24 घंटे में 1000 से ज्यादा लोगों ने लिया ऑनलाइन संकल्प
इन्दौर।

वैश्विक बंदी और लॉक डाउन में हिंदी के साहित्यकार और हिन्दी योद्धाओं ने एक युद्ध कोरोना के विरुद्ध छेड़ा हैं, जिसमें सभी ने ऑनलाइन संकल्प लिया।ऑनलाइन संकल्प का आयोजन हिन्दीग्राम व मातृभाषा द्वारा आयोजित किया जिसका संयोजन भावना शर्मा ने किया।इसमें अंजली वैद दिल्ली, विजय लक्ष्मी भट्ट शर्मा, दिल्ली, मोनिका शर्मा ‘मन’, गुरुग्राम(हरियाणा), कुसुमलता कुसुम, दिल्ली, मुक्ता मिश्रा, गुरुग्राम, निकिता शर्मा, दिल्ली, गिरीश चावला, दिल्ली, नूतन गर्ग दिल्ली, ओमप्रकाश दिल्ली, बबिता जैन दिल्ली, परिणीता सिन्हा गुरुग्राम, विनीता सरस्वती दिल्ली, दीपमाला पाण्डेय रायपुर, डॉ अनिल जैन ‘उपहार’ पिड़वा, नवनीता कटकवार बालाघाट, सुमन सोनी भागलपुर, डॉ मीनाक्षी सुकुमारन नोयडा, डॉ. मनीला कुमारी जमशेदपुर, उर्मिला मेहता इन्दौर, डॉ. नव्या महाजन गाज़ियाबाद, डॉ. वासिफ़ काज़ी इंदौर, प्रतिभा पंचौली अलीराजपुर, डॉ.नीना जोशी इंदौर, निलेश कुमार गौड़, इन्दौर, मनीष पाटील इन्दौर, आलोक कौशिक बेगूसराय, बिहार, ऋतुराज दुबे इन्दौर व श्रवण कुमार बागड़ा जयपुर, आरती जोशी महिदपुर सहित सैकड़ों लोगों ने भाग लिया।इस ऑनलाइन संकल्प कार्यक्रम में सभी ने मातृभाषा उन्नयन संस्थान के माध्यम से प्रण लिया कि वे भारत सरकार द्वारा किए गए लॉक डाउन का पूर्णतः पालन करेंगे, इस दौरान मैं घर से बाहर नहीं निकलेंगे और कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने हेतु भारत सरकार के सभी निर्देशों का पालन करेंगे। साथ ही, सामाजिक दूरी यानी सोशल डिस्टेंस बनाए रखते हुए कार्य करेंगे व कोरोना के बारे में कोई भी अपुष्ट या भ्रामक समाचार प्रेषित नहीं करेंगे। चिकित्सकों, पुलिसकर्मियों एवं कोरोना योद्धाओं का सम्मान करेंगे, उनके साथ दुर्व्यवहार नहीं करेंगे। लॉक डाउन खुलने के बाद भी सावधानी बरतेंगे और कोरोना संबंधित किसी भी लक्षण के होने पर चिकित्सकीय परामर्श लेंगे।
इस महत्वपूर्ण संकल्प को लेकर साहित्य जगत ने एक युद्ध कोरोना के विरुद्ध छेड़ा हैं।सोशल मीडिया पर इसकी खासी चर्चा हैं।
हिन्दीग्राम को संयोजिका भावना शर्मा ने बताया कि संस्थान द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.अर्पण जैन अविचल के नेतृत्व में *एक युद्ध कोरोना के विरुद्ध* अभियान के माध्यम से लोगों में कोरोना के प्रति जनजागृति लाई जा रही है, साथ ही लोगों को लॉक डाउन के नियमों का पालन करने का संकल्प दिलाया जा रहा हैं। इसी के चलते एक हजार से ज्यादा लोगों ने ऑनलाइन संकल्प लेकर सोशल मीडिया के माध्यम से जागरूकता फैलाई जा रही हैं। इस अभियान के अंतर्गत संकल्प लेने वाले सभी लोगों को संस्थान द्वारा ऑनलाइन प्रमाणपत्र भी उपलब्ध करवाया जा रहा हैं। हम सभी के आभारी हैं।’

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।