कोरोना से करो ना मनमानी

0 0
Read Time2 Minute, 34 Second

मंडरा रहा है अभी कोरोना मौत देखो हर शहर में..
जाने कौन, कब क्या हो जाये किसे किस पहर में…
कोरोना आफत लेकर फैला रही विषाक्त गरल में….
रहा पवन में पल पल घुल देखो नई जहर में ….

कोरोना क्या कम था जो अब आया ये हंता देखो……
रहे सचेत नही तो ले डूबेगा ये कोरोना और ये नया हंता……
कहा पता था इस धरा को इतना भयावह दिन भी आएगा……
कोरोना की बजह से पूरा विश्व को एक दिन यू रोना पड़ेगा…….

ऐसे में मिल जुल कर रहे घर परिवार में परिवारों के संग……
हर सदस्य मिल बाटे गृह कार्य ,सदा रखे सब अपना हर्षित मन ……
खेले घर मे ही इंडोर गेम संग लेकर बच्चो और बूढों के मन …..
सदा सकारात्मक सोच से बढ़ाये रखे अपना अपना इम्युनिटी पावर मन…….

वाह प्रकृति ने दीया मौका एकाकी से संयुक्त प्यार का पाने का……
बटोर ले अपने दामन में वो सपनो वाली सारी खुशियाँ……..
कहानी खिस्सो की सी बातें सच हो रही अभी सभी घरों में …..
माँ ने सर में तेल लगाया, नानी ने नतनी का दिया चोटी बांध……

कोरोना है एक खतरनाक बीमारी हल्के में इसे लेना पड़ेगा भारी…..
सोसल डिस्टेंसी आप बनाओ अपने मन की मत चलाओ….
सेहत के लिये दे रहे दुहाई 21 दिनों के लॉक डाउन की सब करो अगुवाई…….
आओ खाये सब मिल कसमें जाने न देगे ईस्वर जैसे, सैनिक, डॉ0, पुलिस, रक्षा , मीडिया व सफाई कर्मी की बलिदानो को हम सब मिल भाई …..

मोदी जी के निर्णय संग मिल कोरोना को परास्त कर हँसते हँसाते निकल जाएंगे……. करे सपरिवार घर मे ही पूजा पाढ़, और नवरात्र में माँ दुर्गा की पूजा …… कर आराधना शांत करें इन कोरोना नामक भयंकर तांडव को ……..
संयम बरते और ‘क’ ‘रो’ ‘ना’ मतलब कोई रोड पर न निकलना ….
हाँ जी हाँ है विनती आपसे कोई रोड पर न निकलना , जी ना निकलना …..

परिचय-
सुमन सोनी
ब्रांड एम्बेसडर यूथ इंडिया बिहार भागलपुर

matruadmin

Next Post

लेख-जय हो व्हाट्सएप महादेवा*

Wed Apr 8 , 2020
आज की दुनिया व्हाट्सएप की दुनिया हैं। हर चीज व्हाट्सएप पर उपलब्ध होनी चाहिए। कोई भी काम पड़ता है तो तुरंत व्हाट्सएप को याद किया जाता है। आज व्हाट्सएप भगवान के बराबर है। कई लोगों की तो जिंदगी ही बदल गई। कई लोगों को बहुत कुछ सीखने को मिला। कई […]

पसंदीदा साहित्य

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।