केदार गौरी मंदिर भुवनेश्वर यात्रा संस्मरण (भाग 5)

0 0
Read Time2 Minute, 15 Second

भुवनेश्वर के मंदिर अपनी स्थापत्य कला और वास्तु वैभव के लिए दुनिया भर में जाने जाते हैं। इस पुण्यभूमि पर स्थित लिंगराज मंदिर, परशुरामेश्वर मंदिर और मुक्तेश्वर मंदिर के दर्शन के बाद हमें केदार गौरी मंदिर के दर्शन का भी सौभाग्य प्राप्त हुआ।

भुवनेश्वर के आठ अष्टशंभू मंदिरों में से एक है यह मंदिर… भगवान शिव और देवी पार्वती को समर्पित यह मंदिर मुक्तेश्वर मंदिर के पार्श्व में स्थित है। नागर शैली में निर्मित यह मंदिर प्राचीन स्थापत्य कला का एक सुंदर उदाहरण है। यह मंदिर भी भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित मंदिरों की सूची में शामिल है।

चटख लाल और सफेद रंग में सजे इस मंदिर का अपना एक अलग ही आकर्षण है। मंदिर के अंदर गोलाकार घेरे के बीच एक साथ कई कई शिवलिंग के दर्शन हुए जो अपने प्राकृत रूप में विद्यमान हैं…यह एक अद्भुत अनुभव था…

मंदिर के पार्श्व में दो पवित्र कुंड स्थित हैं जिन्हें मरीचि कुंड और खीरा कुंड के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि मरीचि कुंड का जल स्त्रियों के बांझपन को दूर करता है वहीं खीरा कुंड का जल मानव मात्र को जन्म मृत्यु के चक्र से मुक्त करता है।

मंदिर परिसर के बाहरी भाग में बजरंग बली हनुमान का एक भव्य मंदिर है जिसमें वे अपने विराट रूप में विराजमान हैं। बजरंग बली को भगवान शिव का 11वां रूद्र अवतार माना जाता है।

क्रमशः

डा. स्वयंभू शलभ

रक्सौल (बिहार)

matruadmin

Next Post

प्रार्थना-पत्र 12

Sat Feb 1 , 2020
सेवा में, श्री नरेंद्र मोदी जी, प्रधानमंत्री भारत सरकार, नई दिल्ली। दिनांक: 30 जनवरी 2020 विषय: नागरिकता संशोधन कानून सी.ए.ए. के पक्ष में राष्ट्र के प्रति अपना कर्तव्य निभाने के लिए मुझे पदयात्रा की शीघ्र अनुमति हेतु आवेदन-पत्र।सम्माननीयों जय हिंद आदरणीय महोदय सम्माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ‘परीक्षा पे चर्चा’ […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।