ज्ञान और ध्यान

0 0
Read Time2 Minute, 8 Second

ज्ञान और ध्यान का,
हो जाये यदि मिलन।
सार्थिक हो जाएगा,
तुम्हारा ये जीवन।
ऐसा में नही कहता,
कह रहे सारे विद्दमान।
अब तुम्हे ही करना है,
अपने जीवन का फैसला।।

मन तुम्हारा क्या कहता,
जान लो तुम सोचकर।
करना क्या आगे तुम्हें,
खुद तुम ही सोच लो।
अपनी करनी के लिए,
खुद रास्ता तुम चुनो।
फिर उस पर तुम,
चलकर आगे बढ़ो।।

जैसा तुम चाहोगे,
वैसा ही कर पाओगे।
ज्ञान अपना तुम,
फिर दिखा पाओगे।
ध्यान और साधना से,
कुछ तो कर जाओगे।
मानव जीवन अपना,
सफल बना जाओगे।।

इसलिए कहता हूँ,
ज्ञान अनमोल है।
ध्यान बिना जीवन,
बिल्कुल भी अधूरा है।
दोनों के संगम से ही,
दुनियां को समझा सकते हो।।

#संजय जैन 

परिचय : संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं पर रहने वाले बीना (मध्यप्रदेश) के ही हैं। करीब 24 वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं।ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों  पर भी दिखा चुके हैं। इसी प्रतिभा से  कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें  सम्मानित किया जा चुका है। मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखते हैं। मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की  शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है,जबकि लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।

matruadmin

Next Post

कलम-ए-कमल..!!

Thu Nov 14 , 2019
ज़रुरत के हिसाब से अब साथ चलते हैं लोग..! आजकल बेसबब कब किससे मिलते हैं लोग..! वो दौर ओर था चेहरे हाल-ए-दिल बताते थे..! अब तो एक चेहरे पे क‌ई चेहरे रखते हैं लोग..! वो जो कसमें खाते हैं ताउम्र साथ निभाने की..! वो मुसीबत आने पर हाथ छोड़ निकलते […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।