ऐतिहासिक फैसला

1 0
Read Time1 Minute, 30 Second

आस्था के दीप से
जगमग अयोध्या नगरी
मनवांछित फल पाए
सज गई पुरूषोत्तम नगरी।

साधु संत और फकीर
के संग करोडो देशवासी
सब के सब है
मर्यादा पुरूषोत्तम के दासी।

उसकी लीला वही जाने
सबको राह दिखाएगा
सबका फैसला वो करे
उसे भला कौन भूला पाएगा।

आज परूषोत्तम को भी
लड़ना पडा
अपना वजूद ढूँढना पडा
अनपढो की वस्ती में
तर्क कुतर्क का पात्र बनना पडा।

एक ही तो सच है
जिसका होता है अंत
चार कांधो पर बैठकर
बोले राम नाम सत्य।

इतना तो पता है
पर मालूम नही वो कहाँ
जीवन के हरचक्र में
जो उपस्थित हो
उसे नकार देना वाजिव कहाँ।

आ गया फैसला
सब सम्मान करें
मंदिर बनने में सभी
अपना अपना योगदान करें।

                        “आशुतोष”

नाम।                   –  आशुतोष कुमार
साहित्यक उपनाम –  आशुतोष
जन्मतिथि             –  30/101973
वर्तमान पता          – 113/77बी  
                              शास्त्रीनगर 
                              पटना  23 बिहार                  
कार्यक्षेत्र               –  जाॅब
शिक्षा                   –  ऑनर्स अर्थशास्त्र
मोबाइलव्हाट्स एप – 9852842667
प्रकाशन                 – नगण्य
सम्मान।                – नगण्य
अन्य उलब्धि          – कभ्प्यूटर आपरेटर
                                टीवी टेक्नीशियन
लेखन का उद्द्श्य   – सामाजिक जागृति         

matruadmin

Next Post

अब मंदिर वहीं बनाएंगे

Sat Nov 9 , 2019
बनवास हुआ है आज खत्म, आज अयोध्या जाएंगे.. घी के दिए जला लो सब, हम आज दिवाली मनाएंगे.. बरसों बतलाया जिसे विवादित, अब मंदिर वहीं बनाएंगे.. घी के दिए जला लो सब, मेरे श्री राम आज घर जाएंगे.. #सचिन राणा “हीरो” हरिद्वार( उत्तराखंड) Post Views: 512

पसंदीदा साहित्य

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।