साधु

1 0
Read Time1 Minute, 44 Second


ऐसे सच्चे साधु जन, जैसे सूप स्वभाव।
यह तो बीती बात है, शेष बचा पहनाव।
शेष बचा पहनाव,तिलक छापे ही खाली।
जियें विलासी ठाठ, सुनें तो बात निराली।
कहे लाल कविराय, जुटाते भारी पैसे।
सुरा सुन्दरी शान, बने स्वादू अब ऐसे।
. ✨✨✨✨✨
टोले साधु सनेह जन, चेले चेली संग।
कार गाड़ियाँ काफिला, सुरा सुन्दरी भंग।
सुरा सुन्दरी भंग, विलासी भाव अनोखे।
दौलत के हैं दास, ज्ञान ये बाँटे चोखे।
बुरे कर्म तन लाल, धर्म धन के बम गोले।
नाम कथा सत्संग, माल ठगते ये टोले।

नाम–बाबू लाल शर्मा 
साहित्यिक उपनाम- बौहरा
जन्म स्थान – सिकन्दरा, दौसा(राज.)
वर्तमान पता- सिकन्दरा, दौसा (राज.)
राज्य- राजस्थान
शिक्षा-M.A, B.ED.
कार्यक्षेत्र- व.अध्यापक,राजकीय सेवा
सामाजिक क्षेत्र- बेटी बचाओ ..बेटी पढाओ अभियान,सामाजिक सुधार
लेखन विधा -कविता, कहानी,उपन्यास,दोहे
सम्मान-शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र मे पुरस्कृत
अन्य उपलब्धियाँ- स्वैच्छिक.. बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ अभियान
लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः 

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

उत्तरप्रदेश के माननीय उप मुख्य मंत्री और शिक्षा मंत्री, माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा विभाग को प्रो. कृष्ण कुमार गोस्वामी,सदस्य, केंद्रीय हिन्दी समिति, का पत्र

Mon Sep 30 , 2019
सेवा में माननीय महोदय, यह जान कर अत्यंत दु:ख हुआ कि उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने प्रदेश के प्राथमिक और माध्यमिक सरकारी तथा सरकारी मान्यता-प्ररत स्कूलों में हिन्दी के स्थान पर अंग्रेज़ी को शिक्षा-माध्यम अपनाने के लिए निर्देश दिए हैं। साथ ही भविष्य में सरकार स्वयं भी अंग्रेज़ी माध्यम के […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।