एक मुलाक़ात_

0 0
Read Time1 Minute, 9 Second

इस ज़मी पे इक मैं हीं क्यूँ हूँ इतनी तन्हा.सी
प्यार के हसी मंज़र से मुझे भी मिलाया होता

चलते रहे बेसुध जानी अंजानी राहों पर हम
ठहर जाते गर मंजिलें पता मैंने भी पाया होता

निगाहें हटती नहीं फ़लक की ओर जो उठी ..
काश ख़ुदा ने मेरे हक़ में फ़ैसला सुनाया होता

इस क़दर हुए हैं ज़िंदगी से अपनी बेजार हम
काश मेरी रूह को मेरा ज़िस्म ना मिला होता..

दामन पे न लगते हर पल मेरे यूँ दाग़ … गर
फूलों की चाहत में कांटों को न ठुकराया होता …

लाखों तारों को आग़ोश में लिए बैठा आसमाँ
इक सितारा डेज़ी की झोली में ही डाला होता

दर्द उतरता ना आज भी इन आँखो में मेरी ..
वो बिछ्ड्ता मंज़र गर याद ना आया होता ……

#डेज़ी बेदी जुनेजापरिचय-

नाम………डेज़ी बेदी जूनेजा 
जन्मतिथि……1मई 
पता…….मोहाली (चंडीगढ़ )

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

समंदर हो गया हूं

Wed Aug 28 , 2019
पहले से और बेहत्तर हो गया हूं मै टूटकर अब पत्थर हो गया हूं। नदियां खूद आती है मिलने मुझसे मै खूद मे एक समंदर हो गया हूं। इतनी चोट की वक्त और हालात ने टुकडा था,अब खंजर हो गया हूं। ये शानो सौकत बस दिखावे की है मै अंदर […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।