वक्त

0 0
Read Time1 Minute, 2 Second
 niraj tyaginir
मौत  ने  भी  अपने  रास्ते बदल डाले,
मैं जिधर चला उसने कदम वहाँ डाले।
जब – जब लगा मेरे जख्म भरने लगे,
पुराने वक्त की यादों ने फिर खुरच डाले।
मैं बहुत परेशान था पैरो के छालों से,
मंजिल ने फिर भी रास्ते बदल डाले।
रौशनी झरोखों से भी आ जाती मगर,
वक्त की हवा ने उम्मीद के दिए बुझा डाले।
वक्त  के  हाथों  में  सब  कठपुतली  हैं,
उसके धागों के आगे लगते सब नाचने गाने,
मैं मंजर बदलने की आश में चलता रहा।
साल दर साल फिर भी बढ़ते रहे राह के जाले।।
धुन्ध दुःखो की इस कदर जीवन पर बढ़ी,
खुद ही छूटते चले गए सभी साथ देने वाले,
एक जगह रुककर कभी जीना नहीं शीखा था।
वक्त  ने  एक  ही  जगह  पर  कदम बांध डाले,
नीरज त्यागी
ग़ाज़ियाबाद ( उत्तर प्रदेश )

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

आओ ! बनाएं शांति धाम

Tue Jul 23 , 2019
आओ! दुनियावालों कुछ हम भी आज बच्चों से सीख लें। मिठास मुस्कान से विभोर कर दें हर शत्रु को, बंदूक उठाने की बजाए फूल हाथों में लेकर स्वागत की जयमाला पहनाएँ। ताकि हर कोई समझें हम स्वस्थ मष्तिष्क के जीव श्रेष्ठ मानव है। एक-दूसरे के बैर भाव मिटाकर दुनिया को […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।