रिश्तों का व्यापार

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sanjay
कितना सब कुछ बदल गया अपने हिंदुस्तान में।
इसमें खुलकर हो रहा हर चीज का व्यापार ।
जहां देखो वही पाओगें विज्ञापन और दामो की सूची।
जिस पर दर्शाया गया है
हर चीज का दाम ।
क्या मंदिर क्या मस्जिद और क्या गुरुद्वारा ।
कोई भी नहीं बच पाया इस व्यापार से।
छोटे बड़े उत्सव या हो मरण मौत का कोई अनुष्ठान ।
सब का देना पड़ेगा तुमको
यहां पर दाम।
कितना सब कुछ बदल गया अपने हिंदुस्तान में।।
बहुत फल फूल रहा है शादी कराने का व्यापार।
इसको भी बना लिया अब लोगो ने व्यापार।
 लड़का लड़की दोनों को ये लोग मिलाते हैं।
और बदले में दोनों परिवारों से कमीशन पाते हैं।
यदि बन गई दोनों में संबंध होने की बात।
तब ये महाशय सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति बन जाते हैं।
और दोनों परिवार के लोगों को बहुत भाते हैं।
भले ही बदले में अच्छा खासा कमीशन लेते हैं।
पर सच में सबसे बड़े रिश्तेदार ये ही कहलाते हैं।।
अब तो सामाजिक कार्यों का भी होने लगा व्यापार।
जो समाज सेवा के कार्य समझे जाते थे।
अब उनका भी होने लगा व्यापार।
क्योंकि नाम के लिए सिर्फ पैसा देना होता है।
कार्यो से नही है ऐसे लोगो का कोई सरोकार।
कितना निन्दनी कार्य है ये फिर भी फल फूल रहा है ये व्यापार।
कितना सब कुछ बदल गया अपने हिंदुस्तान में।।

#संजय जैन 

परिचय : संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं पर रहने वाले बीना (मध्यप्रदेश) के ही हैं। करीब 24 वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं।ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों  पर भी दिखा चुके हैं। इसी प्रतिभा से  कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें  सम्मानित किया जा चुका है। मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखते हैं। मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की  शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है,जबकि लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।

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