धरती ला दो 

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jiyaur
सुनो  ज़रा इक बात कबूतर
तुम रहते थे छत के     ऊपर
मगर नज़र न अब आते   हो
चले कहां तुम फिर जाते   हो
कहा कबूतर सुन मेरे      भाई
तुमने ही ये       आफत    लाई
दिये काट   जंगल   को     सारे
यही पेड़ थे      मेरे        सहारे
नहीं दूर    तक   मिलता  पानी
आग उगलती    धरती     रानी
ऐसे में    हम रह       जो जाएं
कहो कि कैसे    हम जी   पायें
हरी -भरी फिर     धरती ला दो
मुझको अपना घर    दिलवा दो
#जियाउर रहमान जाफ़री 
नालंदा(बिहार)

matruadmin

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