नामंजूर कर दिया

0 0
Read Time1 Minute, 52 Second

nitesh upadhyay

मेरी मोहब्बत को मेरी चाहत को
उसने ऐन वक्त पर नामंजूर कर दिया

कभी अपना बनाने की कसमें खाई देखो आज उसी ने
मुझे खुदसे दूर कर दिया

दर्द आसूँ सितम खामोशी से हमने सहे
इन सब जख्मों को देकर भी
मुझे बेवफा से मशहूर कर दिया

यूँ तू हसरत मेरी भी थी कि तेरे वास्ते जियूँ
आया दौर तो तन्हा जीने को मजबूर कर दिया

कभी चमक थी रोशनी थी आफताब था चेहरा मेरा
तेरी यादों ने इसे भी बेनूर कर दिया

कुछ कमीं नहीं रखी दर्द देने में तुमने
मेरे दिल की दर ओ दीवारों को भी दर्द ए मौसम से भरपूर कर दिया

सजाए थे ख्वाब मैंने तेरी ख्वाहिशों में अक्सर
तेरे बदलने के अंदाज ने उन्हें भी चकनाचूर कर दिया

#नीतेश उपाध्याय

परिचय-

नाम- नीतेश उपाध्याय
साहित्यिक उपनाम- लेखक नीतेश उपाध्याय

राज्य- मध्यप्रदेश
शहर- दमोह
शिक्षा- स्नातक बी.एस.सी
कार्यक्षेत्र- शिक्षक एवं निर्देशक स्कूल के
विधा – काव्य एवं गीत
प्रकाशन- काव्य रंगोली पत्रिका में कविता,एवं devastro.in पर कविता का प्रकाशन

सम्मान- जीवन साहित्य से सम्मान, अखिल भारती से सम्मानित काव्य क्षेत्र में
अन्य उपलब्धियाँ- कविताओ एवं खेल क्षेत्र में
लेखन का उद्देश्य- सामाजिक सुधार एवं उत्साही जीवन पर लक्ष्य।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

समय ने बदली सोच

Sat Jun 22 , 2019
कुछ नया कुछ पुराना जमाना, हमें आज याद आ रहा है। कितने अच्छे और सच्चे लोग होते थे तब के। झूठ कर कोई बुलाये तो, सच्च में समाने होते थे। पर आज यदि सच में बुलाये, तो झूठकर भी नहीं आते हैं। कितना सब कुछ बदल दिया, लोगों के स्वार्थ […]

पसंदीदा साहित्य

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।