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बिस्तर पर नींद नहीं आती अर्थी बनवाया दो यारो
फूलों से काम नहीं चलेगा अंगारों पर सुला दो यारो
आशियाने की दीवार पर अपनी तस्वीर छोड़ कर
मैं सोना चाहता हू कफ़न ओढ़ कर यार दो स्तो
कफन बने मेरा तिंरगा प्यरा यही है आरज़ू अपनी
सरहदें लहू मांगती है कुर्बानी के लिए तैयार रहो
झंडा ऊंचा रहे हमारा जज़्बात हर नागरिक में हौ
बोलो मेरे संग जय हिंद जय हिंद जय हिंद जय हिंद
#अलका जैन
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