स्नेह

0 0
Read Time5 Minute, 11 Second

asmita

रेल गाडी के सफर मे, किन्नरो का होना कोई नयी या बड़ी बात नहीं. लेकीन उस किन्नर की बात ही कुछ और थी,जो दिल को छू गयी।

भिडसे खचाखच भरे रेल के डिब्बे मे पाव धरने को भी जगह न थी. धुपकाले की धूप भी सर पर आग बनकर बरस रही थी.
और इस भिड मे पुरे डिब्बेमे एक बच्चेकी किलकारी जोर जोर से घुम रही थी. सारे यात्रीयों का उस बच्चे के रोनेपर ध्यान केंद्रीत था, और अचानक डिब्बेमे ताली बजाते हुये, दस दस के नोट हातोंकी उंगलीयो के बिच अंगूढी के समान धर कर किन्नरोकी टोली चढ आयी.
पुरी भिड को चिरते हुये किन्नर आगे बढने लगे. और उनमे से एक उस बच्चे कि माँ के पास जाकर,
“क्यो री। बच्चे को चुप कराना नही आता. दे मुझे।”
और बच्चे को गोदी मे उठाते हुये, “हाय हाय, इसकी तो हसलीया निकल आई. दे तेल दे। थोडी मालीश कर दू। देख बच्चा कैसा शांत होता है.”
तेल मालीश का असर था, या बगैर माँ बाप बने किन्नर के हातो का जादू, या उसके दिल मे बहती बच्चे के प्रती ममता, स्नेह का परिणाम. पर बच्चा दो पल मे ही चुप हो, माँ की गोदी मे शांत सो गया.

#अस्मिता प्रशांत “पुष्पांजली”
भंडारा, महाराष्ट्र

परिचय-
1- नाम…अस्मिता मेश्राम- पुष्पांजली
हिंदी साहित्यिक नाम – अस्मिता प्रशांत, “पुष्पांजली”
2- पत्ता… वरठी
ता- मोहाडी
जि.भंडारा,
4- शिक्षण- एम. ए. समाजशास्त्र
5. नौकरी…. पंचायत समिती मोहाडी, चपरासी
6-प्रकाशीत साहित्य- १- दयाघना ( कादंबरी) 2015
२- साहेब मी तुमची रामू( कादंबरी) 2017
३- राहुलमाता यशोधरा (कादंबरी)2017
४- सम्यक क्रांती ( कथा संग्रह) 2015
५- संबोधी ( काव्य संग्रह)2015
*वृत्तपत्र, मासिक, विशेषांक*-  2015 ते चालू – महानायक  मुंबई, सम्राट मुंबई, रिपब्लीकन मुवमेंट नागपुर, समाज न्यायपत्र अकोला, देशोन्नती दिवाळी विशेषांक, देशोन्नती भंडारा,  विदर्भाचा राखणदार भंडारा, रमाई मासीक औरंगाबाद, निळाई त्रैमासीक नागपुर, चैत्रशोभा मुंबई, शिवस्पर्श पुणे, विशेष स्त्री रमाइ बीड, परिघ, महाकवी कालीदास जयंती विशेषांक औ., 125 कविता संग्रह, भारत भाग्य विधाता इत्यादी…………
7- साहित्य पुरस्कार—१- अ.भा. वि. सा. सम्मेलन परभणी, “ललित” लेख को राज्यस्तरीय द्वितीय पुरस्कार
२- कलावंत पुरस्कार नाशीक 
३- विशेष स्त्री माता रमाई पुरस्कार, बीड
४- कर्मवीर भाउराव सुमेध- राज्यस्तरीय उत्कृष्ट कादंबरी पुरस्कार
५- ‘ हिरकणी” २०१८ जळगाव पुरस्कार
६- “अमृतादित्य साहित्य गौरव” अमृतधारा साहित्य महोत्सव
७-  कवि चौपाल शारदा सम्मान, दौसा
८- स्टार हिंदी साहित्यकार सम्मान
९- स्टार हिंदी साहित्य सौरभ सम्मान
१०- काव्य दिग्गज अलंकरण सम्मान
११- साहित्य सम्राज्ञी, अ.भा.सा.परिषद

10- *संस्थात्मक कार्य*- १-महिला आर्थीक विकास महामंडळ, सह्योगीनी कार्य। *( ग्रामीण महिला संघटन, बचत गट.स्थापन, जेंडर इक्वालीटी प्रशिक्षण, गट  बँक लिंकेज )*
२- प्रौढ़ शिक्षण जिल्हा साक्षरता अभियान , स्वयंसेवक,
३- महात्मा फुले शिक्षण हमी केंद्र,
४- निरंतर शिक्षण केंद्र 
५- ग्राम स्वच्छता अभियान, 
६- 2 बार रक्तदान

11- साहित्तीक संस्थेतील पद-  बौध्द साहित्य प्रसार संस्था ,केंद्रिय कार्यकारीणी सदस्य
12- पद- तालुका स्तरीय, शासकीय निम शासकीय महिला लैंगीक अत्याचारनिर्मूलन   समिती – सदस्य, सचीव
13-  कला/ आवड- नृत्य, गायन, बागकाम, विणकाम, भरतकाम, चित्रकारी, सामाजीक कार्य
14- सत्कार- उत्कृष्ट सह्योगीनी, मावीम भंडारा।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

सोशल मीडिया के माध्यम से हिन्दी भाषा का प्रचार-प्रसार

Thu May 30 , 2019
तमाम विद्वानों ,लेखकों और आज की उपयोगिताओं को देखते हुये हम ये कह सकते है और मानते भी है कि सोशल मीडिया हिन्दी के पुनरुत्थान के सहायक सिध्द हुयी। हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार में सोशल मीडिया का बहुत बडा योगदान है। हिन्दी आज विश्व की दूसरी बड़ी भाषा है और […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।