फैशन

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sanjay
फैशन का यह दौर सुहाना लगता है।
अच्छा खासा मर्द जनाना लगता है।
पल भर में कैसे बदलते है नक़्शे।
अब तो हर लड़का शबाना लगता है।
फैशन का यह दौर सुहाना लगता है।
अच्छा खासा मर्द जनाना लगता है।।
कैसे कैसे वो परिधान को पहनता है।
और कैसा कैसा करता है अपना शृंगार।
फर्क समझा आता नहीं है लोगो के।
कौन नर और कौन मादा है सही में।
अब तो फैशन से बहुत डर लगता है।
अच्छा खासा मर्द जनाना लगता है।।
नाक-कान छिदाकर बाल बढ़ाना एक फैशन है।
और साड़ी  सूट पहनकर ध्यान आकषण करना।
बहुत गजब का आजकल का फैशन है।
तभी तो अच्छा खासा मर्द जनाना लगता है।।
फैशन का यह दौर सुहाना लगता है।
अच्छा खासा मर्द जनाना लगता है।।

#संजय जैन

परिचय : संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं पर रहने वाले बीना (मध्यप्रदेश) के ही हैं। करीब 24 वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं।ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों  पर भी दिखा चुके हैं। इसी प्रतिभा से  कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें  सम्मानित किया जा चुका है। मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखते हैं। मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की  शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है,जबकि लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।

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