हम क्या से क्या हो गये
भ्रम में पड़े बीमार हो गये
हिंदू-मुस्लिम करते-करते
खूनी दंगों के शिकार हो गये
मंदिर-मस्जिद बनाते-बनाते
हम स्वयं के घर से बेघर हो गये
सही क्या और गलत क्या
पता लगाते-लगाते गुम हो गये
छलावे से भरा रौनकी बाजार
झूठे यहाँ माला-माल हो गये
शैतानी शोर-गुल में कैसे
इंसानीबोल दफन हो गये
जग की बेमतलबी बातों में
लोभ, द्वेष के कारोबार हो गये
राम-कृष्ण, गौतम के वंशज
आज हम क्या से क्या हो गये
#मुकेश कुमार ऋषि वर्मा
परिचय : मुकेश कुमार ऋषि वर्मा का जन्म-५ अगस्त १९९३ को हुआ हैl आपकी शिक्षा-एम.ए. हैl आपका निवास उत्तर प्रदेश के गाँव रिहावली (डाक तारौली गुर्जर-फतेहाबाद)में हैl प्रकाशन में `आजादी को खोना ना` और `संघर्ष पथ`(काव्य संग्रह) हैंl लेखन,अभिनय, पत्रकारिता तथा चित्रकारी में आपकी बहुत रूचि हैl आप सदस्य और पदाधिकारी के रूप में मीडिया सहित कई महासंघ और दल तथा साहित्य की स्थानीय अकादमी से भी जुड़े हुए हैं तो मुंबई में फिल्मस एण्ड टेलीविजन संस्थान में साझेदार भी हैंl ऐसे ही ऋषि वैदिक साहित्य पुस्तकालय का संचालन भी करते हैंl आपकी आजीविका का साधन कृषि और अन्य हैl