साहित्य संगम संस्थान का वार्षिकोत्सव इस बार असम तिनसुकिया में

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साहित्य संगम संस्थान के अध्यक्ष श्री राजवीर मंत्र जी नें संवाददाता से अपनें एक इंटरव्यूव में जानकारी दी कि संस्थान का वार्षिकोत्सव हर बार की तरह इस बार भी पूरी भव्यता के संग मनाया जायेगा ,किंतु जगह और समय में परिवर्तनकरनें का निर्णय लिया गया है ,१७ मई की जगह अब २ जून को असम तिनसुकिया में मनाया जायेगा ,कार्यक्रम को भव्य रूप में मनाने की तैयारी शुरू हो गयी है ,संस्थान के पदाधिकारियों नें यह निर्णय लिया है कि इस बार साहित्य संगम संस्थान का ध्वजारोहण व संस्थान का एक ध्वज गीत कार्यक्रम के शुरू में सरस्वती वंदना के संग होगा ,स्वागत गीत की भी तैयारी है ,जिसे संस्थान के एक अनुभवी विद्वान के द्वारा लिखा गया है ,जिसकी प्रस्तुति हेतु संस्थान के गीतशाला के सदस्यों नें प्रैक्टिस भी शुरू कर दी है ,संस्थान में हर बार की तरह साहित्यकारों के सम्मान के साथ साथ इस बार नवोदित साहित्यकारों की प्रतिभा को भी सम्मानित किया जायेगा ,श्री अध्यक्ष जी नें बताया कि तीन लोगों को वाचस्पति सम्मान देनें की योजना है,कार्यक्रम की लगभग ५० प्रतिशत तैयारी पूरी हो चुकीहै ,इस बार नवीन बात यह है कि सभीप्रतिभागी सम्मिलित साहित्यकार जो कार्यक्रम में पहुंचेगें उन सब को योगशाला की साझा संकलन के साथ साथ उनकी निजी एक पुस्तक जिसमें उनकी १७ कवितायें छपवाकर (उनके नाम की ) एक एक पुस्तक भेंट स्वरूप दी जायेगी | लगभग सभी प्रांत के संस्थान के कवियों समारोह में सम्मिलित होनें की आशा जताई जा रही है ,योगशाला अधीक्षिका इंदू शर्मा जी के नेतृत्व में यह आयोजन इस वर्ष नया इतिहास बनायेगा ऐसी आशा की जा रही |
अपनें वार्ता में अध्यक्ष जी नें जानकारी दी कि संस्थान की विधिक सलाहकार श्रीमतीमीना भट्ट, संरक्षक श्री अरूण कुमार जी वअन्य गणमान्य लोगों नें समारोह में आनें हेतु अपनीं टिकटें बुक करवा ली हैं |
#कुमुद श्रीवास्तव वर्मा कुमुदनी.

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।