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जमीन और आसमान जिंदा रखो
कुछ तो अपना स्वाभिमान जिंदा रखो
वतन पे मर मिटे वतन से मोहब्बत वाले
दिलो में तिरंगे का सम्मान जिंदा रखो
बेईमानो का साथ छोड़ क्यों नही देते
जरा खुद का भी ईमान जिंदा रखो
वतन पे बुरी नजर उठे बर्दास्त नहीं हमको
मुल्क पर जरा अभिमान जिंदा रखो
जाति, धर्म की लड़ाई छोड़ देना तुम
अपने लबों पे जरा मुस्कान जिंदा रखो
#किशोर छिपेश्वर ‘सागर’
परिचय : किशोर छिपेश्वर ‘सागर’ का वर्तमान निवास मध्यप्रदेश के बालाघाट में वार्ड क्र.२ भटेरा चौकी (सेंट मेरी स्कूल के पीछे)के पास है। आपकी जन्मतिथि १९ जुलाई १९७८ तथा जन्म स्थान-ग्राम डोंगरमाली पोस्ट भेंडारा तह.वारासिवनी (बालाघाट,म.प्र.) है। शिक्षा-एम.ए.(समाजशास्त्र) तक ली है। सम्प्रति भारतीय स्टेट बैंक से है। लेखन में गीत,गजल,कविता,व्यंग्य और पैरोडी रचते हैं तो गायन में भी रुचि है।कई पत्र-पत्रिकाओं में आपकी रचनाएं प्रकाशित होती हैं। आपको शीर्षक समिति ने सर्वश्रेठ रचनाकार का सम्मान दिया है। साहित्यिक गतिविधि के अन्तर्गत काव्यगोष्ठी और छोटे मंचों पर काव्य पाठ करते हैं। समाज व देश हित में कार्य करना,सामाजिक उत्थान,देश का विकास,रचनात्मक कार्यों से कुरीतियों को मिटाना,राष्ट्रीयता-भाईचारे की भावना को बढ़ाना ही आपका उद्देश्य है।
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Sat May 4 , 2019
स्त्री पुरूष सन्तान प्रभु की जीवन गाड़ी के दो पहिए बराबर चलते रहो साथ में प्रगति पथ पर आगे बढ़िए कोई बड़ा न छोटा कोई फिर अभिमान काहे करिए सम्मान रहे एक दूजे का शांतभाव से जीवनभर चलिए संयमित जीवन सात्विक आहार पिता परमेश्वर को बस याद करिए। #श्रीगोपाल नारसन […]