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माँ का प्यार है अनमोल
नही है उसका कोई मोल
माँ की ममता सब पर भारी
नही है उसका कोई तोल
कभी माँ बनकर तो
कहीं दोस्त बनकर
बच्चों को देती सहारा है
त्याग दया और मातृत्व से
भरा ये जीवन सारा है
दुनियां से लड़ जाती बच्चों के लिए
बच्चों से बढ़कर कुछ भी नही
बच्चों की खुशी में खुश हो जाना
कष्ट होने ओर दुखी ही जाती माँ
सच्चाई की राह दिखाती
ज्ञान का पाठ पढ़ाती माँ
जीवन में कठिन परिश्रम करना
बच्चों में हौंसला बढ़ाती माँ
घर सहेजती अभावों से लड़ती
बच्चों पे प्यार लुटाती माँ
ऊँचाई के शिखर पर
बस पहुंचे मेरे बच्चे
बस यही पाठ सिखाती माँ।
#सुमन अग्रवाल “सागरिका”
आगरा(उत्तरप्रदेश)
नाम :- सुमन अग्रवाल
पिता का नाम :- श्री रामजी लाल सिंघल
माता का नाम :- श्रीमती उर्मिला देवी
शिक्षा :-बी. ए.
व्यवसाय :- हाउस वाइफ
प्रकाशित रचनाएँ :-
प्रकाशित रचनाओं का विवरण :-
1.अग्रवंश दर्पण :-“नारी सुरक्षा चूंक कहाँ “, “महिला सशक्तिकरण “, “500-1000 के नोट बाय-बाय”, “दहेज प्रथा”, “अग्रप्रर्वतक महाराज अग्रसेन जी पर कविता” इत्यादि।
2.हिचकी :- “ये होली का त्यौहार”
3.D.L.A :- “आतंकवाद”, “बालदिवस”, “करवा चौथ”, आतंक का साया, “नववर्ष मुबारक”, “राष्ट्रप्रेमी” इत्यादि।
4.नारी शक्ति सागर :- “ग़ज़ल”
5. वर्तमान अंकुर नोएडा :- “घर-परिवार, नारी शक्ति, भारतीय लोकतंत्र
साहित्य एक्सप्रेस में – नव संवत्सर
6.सहित्यापीडिया :- माँ
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Mon May 13 , 2019
-जियाउर रहमान जाफ़री सबकी देखो यही कहानी सब कहते हैं पानी -पानी है ये तो बरसात का मौसम बारिश वाली रात का मौसम माना बिजली चमक रही है बूंद एक न टपक रही है बादल भी आकाश पे छाता लेकिन फ़ौरन ही छट जाता सूख रहे हैं नदियाँ -नाले बहुत […]