बह्र – 1222 1222 122
रद़ीफ – आया
काफ़िया – आम।
यहाँ पर आज कैसा नाम आया ।
कही कोई नही अब काम आया ।।
सभी बैठे यहा पर मुह फुलाये ।
नही जब हाथ में तो दाम आया ।।
नशे से हो गये मशहूर जो भी ।
पिये वो भी यहा पर जाम आया।।
कही जोगी कही भोगी मिले हैं ।
बहुत भटके यहा पर धाम आया ।।
हुकूमत छोड़ दी हमने जहाँ की।
वही सब मोड़ करके थाम आया।।
#नीतेन्द्र सिंह परमार ‘भारत’
परिचय : नीतेन्द्र सिंह परमार का उपनाम-भारत है। डी.सी.ए. के बाद वर्तमान में बी.एस-सी.(नर्सिंग) के तृतीय वर्ष की प़ढ़ाई जारी है। आपका जन्म १५ जुलाई १९९५ को बरेठी(जिला छतरपुर, मध्यप्रदेश) में हुआ है। वर्तमान निवास कमला कॉलोनी (छतरपुर)में है। रचनात्मक कार्य में आपके खाते में मुक्तक,गीत,छंद और कविताएं (वीर रस) आदि हैं। शास्त्रीय संगीत एवं गायन में रुचि रखने वाले श्री सिंह मंच संचालन में प्रतिभावान हैं। यह छतरपुर में ही नर्सिंग छात्र संगठन से जुड़े हुए हैं। लेखन और काव्य पाठ के शौकीन नीतेन्द्र सिंह की नजर में समाजसेवा सबसे बड़ा धर्म है, और सबके लिए संदेश भी यही है।