वक्त….

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bharat malhotra
न कर बर्बाद अपना वक्त ए दीवाने जा
नसीब अपना कहीं और आज़माने जा
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तेरे अपनों को तो फुर्सत नहीं है सुनने की
किस्से अपने अब तू गैरों को सुनाने जा
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पहले से ताल्लुकात न रहे हों अब मगर
मिज़ाज़ पूछने की रस्म तो निभाने जा
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नाकामयाब हो के आखिर आ गया वापिस
कहा था तुझसे किसने कि उसे मनाने जा
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ज़रूरतों ने आ के कान में कहा मुझसे
सुबह हो गई है, चल उठ, कमाने जा
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भरत मल्होत्रा

परिचय :- 
नाम- भरत मल्होत्रा 
मुंबई(महाराष्ट्र)
शैक्षणिक योग्यता – स्नातक 
वर्तमान व्यवसाय – व्यवसायी 
साहित्यिक उपलब्धियां – देश व विदेश(कनाडा) के प्रतिष्ठित समाचार पत्रों , व पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित
सम्मान – ग्वालियर साहित्य कला परिषद् द्वारा “दीपशिखा सम्मान”, “शब्द कलश सम्मान”, “काव्य साहित्य सरताज”, “संपादक शिरोमणि”  
झांसी से प्रकाशित “जय विजय” पत्रिका द्वारा ” उत्कृष्ट साहितय सेवा रचनाकार” सम्मान एव 
दिल्ली के भाषा सहोदरी द्वारा सम्मानित, दिल्ली के कवि हम-तुम टीम द्वारा ” शब्द अनुराग सम्मान” व ” शब्द गंगा सम्मान” द्वारा सम्मानित  
प्रकाशित पुस्तकें- सहोदरी सोपान 
                         दीपशिखा 
                         शब्दकलश 
                         शब्द अनुराग 
                         शब्द गंगा 

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लिखूंगा ....

Thu Nov 29 , 2018
बिल्कुल लल्लन टॉप लिखूंगा गहहे को भी बाप लिखूंगा नेताओं के नाम जहां हैं मैं तो अजगर साँप लिखूंगा जुमलेबाजी जब लिखना हो छप्पन इंची नाप लिखूंगा छपम-छपाई हल्लम-गुल्ला मैं तो बस चुप चाप लिखूंगा लड़ो लड़ाई  तुम मंदिर की मैं सीता का शाप लिखूंगा #दिवाकर  Post Views: 595

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।