*सपना*

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babulal sharma
.                 🌞1🌞
सपन सुभागी है सदा,उत्तम इसकी जात।
नींद रहे तक दोय है, इकले  जगे  प्रभात।।
.                🌞2🌞
सपने खुलती  आँख के, सोन नहीं  है देत।
प्राप्त करे हम लक्ष्य को,तभी चैन अरु हेत।।
.                🌞3🌞
स्वप्न देश के देखिये, खुशहाली चहुँओर।
मेरे भारत में करे, स्वर्ण विहग शुभ भोर।।
.                🌞4🌞
सपना सारे विश्व का,देखो मनुज सुजान।
जगत गुरु  भारत बने, मेरा  देश  महान।।
.                 🌞5🌞
जागत सपने देखिये, जानिये जय किसान।
सीमा रक्षित जो करे, बोलिए  जय जवान।।
.                🌞6🌞
चेतन सपने देख मनु ,करले जय विज्ञान।
कर्म  सदा  ऐसे  करो, होवे  देश  महान।।
.                🌞7🌞
आँखों  में सपने  पले, लोकतंत्र  मजबूत।
जननी जन्मभूमि पितर,माने सभी सपूत।।
.                🌞8🌞
सपने  देखो  प्रीत  के , चूनर  धानी  मात।
पेड़ लगा कर हरीतिमा,कीजे धरती गात।।
.               🌞9🌞
सपने गुरबत के सजे, सबकी  करो  सहाय।
मानुष जीवन सुधरता,हरि सन प्रीत लगाय।।
.               🌞10🌞
रीत  प्रीत  के सपन भी, देख  भारती  साथ।
सर्व समर्पण देश हित,मन मस्तक अरु हाथ।।
.               🌞11🌞
मेरे सपने यों फले,सत साहित्य प्रकाश।
शर्मा बाबू लाल की, एक यही  अरदास।।

नाम– बाबू लाल शर्मा 
साहित्यिक उपनाम- बौहरा
जन्म स्थान – सिकन्दरा, दौसा(राज.)
वर्तमान पता- सिकन्दरा, दौसा (राज.)
राज्य- राजस्थान
शिक्षा-M.A, B.ED.
कार्यक्षेत्र- व.अध्यापक,राजकीय सेवा
सामाजिक क्षेत्र- बेटी बचाओ ..बेटी पढाओ अभियान,सामाजिक सुधार
लेखन विधा -कविता, कहानी,उपन्यास,दोहे
सम्मान-शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र मे पुरस्कृत
अन्य उपलब्धियाँ- स्वैच्छिक.. बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ अभियान
लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः

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