सकारात्मक पथ

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kirti jayaswal
प्रसरित हो वह सूर्य-लालिमा;
रजनी-चंद्रिका प्रसरित हो।
शुष्क पड़ा;जन हो उद्विग्न;
बाढ़ लहर लहराई हो।
तप्त करे यह सूर्य की ऊष्मा;
हिम-वृष्टि नहलाई हो।
क्या ऐसा भी हो सकता!
‘पतझड़ ऋतु में हरियाली होl’
है जग में कुछ भी न असंभव,
विजय का दूजा नाम ही संभव।
आए अर्क जो अमेरिका में;
आए देश में चंद्रिका।
शुष्क पड़ी भूखंड हो ‘बांदा’;
बाढ़ यहाँ पर आई हो।
च्युत तुषार तो जम्मू में;
लू राजस्थान में आई हो।
किसी देश में पतझड़ हो तो,
किसी देश में हरियाली।
विजय का दूजा नाम ही ‘संभव’,
सकारात्मक पथ चुन लेll
#कीर्ति जायसवाल
इलाहाबाद
(इक दृष्टि यहाँ भी:प्रसरित-फैलना,रजनी चंद्रिका-रात चाँदनी, शुष्क-सूखा,उद्विग्न-परेशान,ऊष्मा-गर्मी,तप्त करे-जलाए,हिम-वृष्टि-बर्फ की बारिश,अर्क-सूर्य,च्युत-गिरना,तुषार-बर्फ)इर्षकर

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।