बत्ती गुल मीटर चालू

0 0
Read Time4 Minute, 33 Second
edris
आमजन के विषय का पोस्टमार्टम हो गया
निर्देशक:- नारायण सिह
अदाकार:- शाहिद, शृद्धा कपूर, दिव्यांशु शर्मा, यामी गौतम,
संगीत :- अनु मलिक, रोचक कोहली,
सामाजिक विषय पर नारायण पहले टॉयलेट एक प्रेम कथा बना चुके है, लेकिन ईमानदार विषय के लिये केवल जज़्बा काम नही करता इसके लिए कहानी, पटकथा, संगीत कलाकारों की ईमानदारी भी लाजमी होती है
लेकिन इस बार नारायण गच्चा खा गए
विषय भारतीयों के बेहद करीब है
बिजली बिलों में भारी छूट देकर मध्य प्रदेश सरकार ने अगले चुनाव की भरपाई कर ली है, ओर पिछले सालों में कांग्रेस की डूबने की वजह भी यही रही थी
तो यह विषय संजीदा होने के साथ आमजन के करीब ही है
Screenshot_2018-09-21-16-32-01-196_com.google.android.googlequicksearchbox
कहानी
उत्तराखण्ड के टिहरी गाव में तीन दोस्त होते हैं
सुशील कुमार(शाहिद), ललिता(शृद्धा) सुंदर मोहन(दिव्यांशु), तीनो जिगरी दोस्त है, सुशील ने वकालत पास की है, ललित डिज़ाइनर है, सुंदर ने प्रिंटिंग प्रेस का काम शुरू किया है
उत्तराखंड में बिजली की बड़ी समस्या हैं, ज्यादा वक्त बिजली गुल ही रहती है, इसे लेकर अच्छा हास्य गढ़ने की कोशिश की गई हैं लेकिन फ़िल्म से जुड़ पाना मुश्किल होता है,
सुंदर की प्रिंटिंग प्रेस का बिल हमेशा ज्यादा आता है और बिल 54 लाख का अ जाता है, शिकायत दर्ज कराने के बाद भी कोई हल नही निकलता कोई सुनवाई नही होती तो सुंदर आत्महत्या कर लेता है जिससे सुशील ओर ललिता सदमे में आ जाते है,
ललिता सुशील को प्रेरित करती है सुंदर का केस लड़ने के लिए
केस का फैसला क्या होता है इसके लिए फ़िल्म देखनी पड़ेगी
लफ़िल्म क्यो देखी जाए
कलाकारों में तीनों ने बढ़िया अभिनय किया है, शाहिद, शृद्धा, दिव्यांशु, यामी गोतम,
लोकेशन ओर छायांकन अंशुमन महाले की अच्छा है
कमजोर कड़ी
फ़िल्म की समयसीमा 161 मिनट जो कि उबाऊ है
फ़िल्म को लगभग 50 मिंट छोटा किया जा सकता था
पटकथा विपुल रावल, समर्थ सिह, गरिमा का कमजोर हैजिस कारण फ़िल्म पकड़ नही बना पाती, निर्देशन भी कमजोर ही लगा है,
इन्ही कारणों से फ़िल्म ओसत पर आकर टिक गई
नही तो बेहतर हो सकती थी
बजट
लगभग 40 करोड़ का बजट है फ़िल्म का
2200 सिनेमाघरों में प्रदर्शित की गई
तो 5 से 7 करोड़ की ओपनिंग मिल सकती है
लेकिन फ़िल्म के सामने
नवाज की मंटो, इश्केरिया, जेक &जिल सहित कूल 8 फिल्मे रिलीज हुई तो ओपनिंग पर असर पड़ सकता है
फ़िल्म 2.5 स्टार्स

#इदरीस खत्री

परिचय : इदरीस खत्री इंदौर के अभिनय जगत में 1993 से सतत रंगकर्म में सक्रिय हैं इसलिए किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं| इनका परिचय यही है कि,इन्होंने लगभग 130 नाटक और 1000 से ज्यादा शो में काम किया है। 11 बार राष्ट्रीय प्रतिनिधित्व नाट्य निर्देशक के रूप में लगभग 35 कार्यशालाएं,10 लघु फिल्म और 3 हिन्दी फीचर फिल्म भी इनके खाते में है। आपने एलएलएम सहित एमबीए भी किया है। इंदौर में ही रहकर अभिनय प्रशिक्षण देते हैं। 10 साल से नेपथ्य नाट्य समूह में मुम्बई,गोवा और इंदौर में अभिनय अकादमी में लगातार अभिनय प्रशिक्षण दे रहे श्री खत्री धारावाहिकों और फिल्म लेखन में सतत कार्यरत हैं।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

आज फ़िर मुस्कुराने का जी चाहता है..

Fri Sep 21 , 2018
नगमा- ए ज़िन्दगी गुम चुके थे जिन्हे लब, आज फ़िर गुनगुनाने का जी चाहता है.. खोल  दूं आसमां  से  झरोखा  जुड़ा, और, पसर पर परिंदे का जी चाहता है.. ज़ुल्फ मेरी   उड़ा  ना ऐ पागल हवा, संग तेरे बहक जाने का जी चाहता है.. जानती   हूं   मनाने न  आएगा   वो, […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।