सजा और मजा

0 0
Read Time1 Minute, 30 Second

devendr joshi

जिस तरह नशा,
शराब में नहीं..
अपने-आप में होता है,
ठीक उसी तरह
मजा किसी वस्तु;
स्थिति या परिस्थिति
में नहीं,अपने-आप में होता है।

जिन्दगी का मजा लेना भी,
एक फन,एक हुनर अदाकारी,
कलाकारी है, जो हर किसी
के बस की बात नहीं है।

उत्सव का आनन्द,
मौसम की मस्ती..
महफिल की रंगीनियां,
रंगों की होली और
और खुशियों की दिवाली
बाहर नहीं,हमारे
ही भीतर है।

चारों तरफ बिखरा,
पड़ा है मजे का साम्राज्य..
जिसने जितना बटोर लिया,
सिर्फ एक वही धनवान है..
बाकी सब कंगाल।

जिन्दगी का मजा,
हर किसी के बस..
की बात नहीं है,
जो ले सकता है..
उसी के लिए जिन्दगी,
एक मजा है वर्ना तो बाकी
सबके लिए ये जिन्दगी..
किसी सजा से कम नहीं है।

(अखबारों की छुट्टी पर सुबह अखबार पढ़ने के खाली समय से उपजी रचना)

परिचय : डाॅ.देवेन्द्र जोशी गत 38 वर्षों से हिन्दी पत्रकार के साथ ही कविता, लेख,व्यंग्य और रिपोर्ताज आदि लिखने में सक्रिय हैं। कुछ पुस्तकें भी प्रकाशित हुई है। लोकप्रिय हिन्दी लेखन इनका प्रिय शौक है। आप उज्जैन(मध्यप्रदेश ) में रहते हैं।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

मीरा की बेटी..

Wed Mar 15 , 2017
बहुत सालों बाद धनाढय घर की बहू मीरा उम्मीद से है,घर में खुशियों का माहौल है। सब उसे कई सलाहें-बेटा ऐसा मत करना, ऐसा खाओगी तो आने वाला बच्चा गोरा होगा,स्वस्थ होगा और न जाने क्या क्या…दे रहे हैं। मीरा के साथ ही मोहल्ले में झाड़ू निकालने वाली कला भी […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।