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पेट्रोल डीजल कितने हुए महँगे।
ये तो कमर तोड़ महंगाई है भाई।।
सब्जी मंडी में है महंगी सब्जियाँ।
थाली से दाल भी गायब है भाई।।
कतारों में लगी आम जनता देखो।
मँहगाई से त्रस्त गरीब यहाँ भाई।।
किराने के सामान में बढ़ी महँगाई।
जी एस टी का राग सुनाते भाई।।
सारे नेता झूंठे वादे कर कुर्सी पाते।
कुर्सी मिलते ही भूल जाते भाई।।
लोकतंत्र का मतलब यही है क्या।
वोट देकर मँहगाई सहते रहो भाई।।
भारत की जनता सब देख रही है।
मँहगाई में भी पेट पाल रही भाई।।
#राजेश कुमार शर्मा ‘पुरोहित’
परिचय: राजेश कुमार शर्मा ‘पुरोहित’ की जन्मतिथि-५ अगस्त १९७० तथा जन्म स्थान-ओसाव(जिला झालावाड़) है। आप राज्य राजस्थान के भवानीमंडी शहर में रहते हैं। हिन्दी में स्नातकोत्तर किया है और पेशे से शिक्षक(सूलिया)हैं। विधा-गद्य व पद्य दोनों ही है। प्रकाशन में काव्य संकलन आपके नाम है तो,करीब ५० से अधिक साहित्यिक संस्थाओं द्वारा आपको सम्मानित किया जा चुका है। अन्य उपलब्धियों में नशा मुक्ति,जीवदया, पशु कल्याण पखवाड़ों का आयोजन, शाकाहार का प्रचार करने के साथ ही सैकड़ों लोगों को नशामुक्त किया है। आपकी कलम का उद्देश्य-देशसेवा,समाज सुधार तथा सरकारी योजनाओं का प्रचार करना है।
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