1.
*पर्यावरणहिं* मान सब,धरा और असमान।
धरती के चारो दिशा, बने बनाव अमान।।
2.
पंच तत्व *पर्यावरण*,क्षिति जल गगन समीर।
पावक मय संसार सब ,समझे सोई धीर।।
3.
जीवन धन *पर्यावरण* पेड़ और सब वन्य।
जंगल बिन मंगल नहीं, मानव हो कर्मन्य।।
4.
स्वच्छ रहे *पर्यावरण* तभी सिरजते प्रान।
सजग होय रक्षा करो, समझें सभी अजान।।
5.
*पर्यावरण* बचाव के,करले सोच विचार।
घर मैदान व खेत में, रोपे पेड़ हजार।।
6.
*पर्यावरण* संरक्षण , प्राण सजाने आप।
प्रकृति का सम्मान कर, तभी मिटें संताप।।
7.
पैमाना *पर्यावरण* ,जल थल मय असमान।
पेड़ लगा पालो सदा , मानो तनय समान।।
8.
बचा सके ये पेड़ जो , शीश कटे भी लाभ।
अपनी रीत सनातनी, *पर्यावरण* की आभ।।
9.
वट सावित्री अराधना,पीपल तनय पचास।
जीवन दीर्घ अवधि रहे, *पर्यावरण* प्रभास।।
10.
आँक्सीजन भर जोर दे,पीपल देव निवास।
*पर्यावरण* मीत बने , पंछी बैठे आस।।
11.
नीम निबोली निरामया,नित्य नियम निरहार।
*पर्यावरण* रखे दवा, करती जीवन पार।।
12.
जीवन रेखा खेजड़ी , सींगर पत्ते छाँव।
*पर्यावरण* अड़ी रहे,खेत मेड़ अरु गाँव।।
13.
आम राज फल होत है,सद्छाँया दातार।
*पर्यावरण* संग जमे, पंछी बाग बहार।।
14.
अडिग पेड़ है रोहिड़ा,काष्ठ पात उपयोग।
*पर्यावरण* रक्षा करे, मनहर सत संयोग।
15
शीशम शीतल श्याम सी,छतरी छाँया छान।
*पर्यावरण* प्रण पाले,सजग सन्त सम शान।।
16.
खाँसी मिठहारी गुणी ,जम्बउ जंग अजीर्ण।
*पर्यावरण* संग दवा, मानव के ज्वर-जीर्ण।।
17.
तरुवर मीत बनाइये,सच्ची संगत प्रीत।
*पर्यावरणी* नेह की , रहो निभाते रीत।।
18.
गौरव पालन में भरा, मिष्ठ भाव हरियाल।
पेड़ समादर तात के, *पर्यावरण* बहाल।।
19.
छाँया भली जवान की,आते फल फिर मीत।
पिक तोते चिड़िया कहे, *पर्यावरणक* गीत।
20,
जल का सदउपयोग हो,रखें स्वच्छजलस्रोत
पर्यावरण बचाव कर,रखलो जीवन ज्योति।।
21.
कठिन जरापन में रहे,एकाकी से लोग।
*पर्यावरण* प्रेम बने,तब उत्तम संजोग।।
22.
मन के भाव,प्रबल सखे,किसे कहोगे पीड़।
*पर्यावरण* वृक्ष बिना, कहाँ बया का नीड़।।
23.
पेड़ों में जीयें मरें ,जलना जिसके संग।
*पर्यावरण* व पेड़ ही,जंगम जीवन जंग।।
24 .
कार्बन की बढ़ती हवा , कर्म मानवीय पीर।
*पर्यावरण* मलीन है ,क्योंकर बरषहि नीर।।
25.
जलमलीन संगत धरा,कचरा प्लास्टिक भार।
*पर्यावरण* विचारिए , गँदले नदी कगार।।
नाम- बाबू लाल शर्मा
साहित्यिक उपनाम- बौहरा
जन्म स्थान – सिकन्दरा, दौसा(राज.)
वर्तमान पता- सिकन्दरा, दौसा (राज.)
राज्य- राजस्थान
शिक्षा-M.A, B.ED.
कार्यक्षेत्र- व.अध्यापक,राजकीय सेवा
सामाजिक क्षेत्र- बेटी बचाओ ..बेटी पढाओ अभियान,सामाजिक सुधार
लेखन विधा -कविता, कहानी,उपन्यास,दोहे
सम्मान-शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र मे पुरस्कृत
अन्य उपलब्धियाँ- स्वैच्छिक.. बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ अभियान
लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः