सफलता की सीख सफल लोगों से

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shikhar chandra jain

आज के दौर में सफल होने के लिए आप किसी पर भी निर्भर  नहीं रह सकते। आपको अपना करियर खुद डिजाइन करना होगा। इसके लिए यह पता होना जरूरी है कि किन खूबियों की बदौलत सफलता मिल सकती है। और यह जानने के लिए आपको दुनिया के कुछ सफल लोगों के सक्सेस मन्त्रों की जानकारी लेनी होगी. आइये जानते हैं दुनिया के कुछ सफल लोगों की इन खूबियों के बारे में।

भविष्य पर नजर – अमेजन के फाउंडर जेफ बेजॉस कहते हैं कि आपको दुनिया पर हमेशा नजर रखनी होगी और पता करना होगा कि यह किस तरफ जा रही है। अगर आप दुनिया के भविष्य को ध्यान में रखते हुए कुछ नया करने का प्रयास करेंगे तो आपको अपने जीवन में सफलता जरूर मिलेगी।

खुद का विश्लेषण करें – स्नैपडील के सह-संस्थापक कुणाल बहल कहते हैं कि आप  अपने जीवन के निर्माता खुद हैं। इसलिए खुद से सवाल करें कि आप क्या करना चाहते हैं और किस काम में बेस्ट हैं। अगर आपको खुद की खूबियों के बारे में पता लग जाता है तो सफल होने में देर नहीं लगती है। इसलिए पहले खुद को पहचानें।

नया सीखते रहें – फेसबुक के फाउंडर मार्क जुकरबर्ग मंदारिन भाषा तेजी से बोल लेते हैं। मार्क कहते हैं कि दुनिया तेजी सेबदल रही है। इशलिए आपको अपने अंदर नई खूबियां पैदा करनी चाहिए। इसके लिए नई चीजें सीखने केप्रति उत्सुक रहना चाहिए। नई चीजें सीखने से आपके आत्मविश्वास में भी इजाफा होता है।

काम के प्रति लगन रखें – अटलांटा के नौजवान उद्योपति राबर्ट एडवर्ड टर्नर तृतीय ने एक पत्रिका को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘मैं घर वालों की सारी आवश्यकताएं पूरी कर चुका हूं, फिर भी कमाए जा रहा हूं। क्यों? क्योंकि यह एक ऐसी मस्ती है, जो छोड़ते नहीं बनती।’ यूनाइटेड टेक्नोलौजीज के चेयरमैन हैरी ग्रे को भयंकर एक्सीडेंट के कारण अस्पताल में भर्ती होना पड़ गया। इस पर उन्होंने फाइलों के साथ  अपने सेक्रेटरी को भी वहां बुलवा लिया, और महीनों पीठ के बल लेटे लेटे काम निपटाते रहे।

छुट्टी नहीं, काम चाहें – अटलांटा की की फूक्वा इंडस्ट्रीज के संस्थापक जॉन ब्रुक्स फूक्वा एक बार दो सप्ताह की छुट्टी मनाने स्विट्जरलैंड गए, मगर तीन दिन बाद ही दफ्तर लौट आए।  बोले, ‘महल सारे एक-से होते हैं, एक देखा तो समझो, सभी देख लिए।’ जेरॉक्स के पीटर मैककोलो कहते हैं, ‘जल्दी ही यह पता चल जाता है कि कौन दौड़ में पिछड़ जाएगा।’’

लीडर बनने की ललक – सफल उद्यमियों को कड़ी मेहनत की प्रेरणा से मिलती है सत्ता या लीडरशिप की लालसा। मानसिटो कंपनी के प्रधान अधिकारी जॉन वेलर हैनली को अब तक याद है कि किशोरावस्था से ही वे दूसरों से मनचाहा करा लेने की फिराक में रहते थे। शुरू-शुरू में जब वे सोडावाटर की दुकान पर काम करते थे, तब भी वे ग्राहकों के माल्ट मिश्रित मिल्कशेक में अंडा डालकर पीने का आग्रह करते करते थे।

डोनाल्ड नेल्सन फ्राई अपने परिश्रम के बल पर 44 वर्ष की आयु में फोर्ट मोटर्स के ग्रुप वाइल प्रेसीडेंट बन गए, पर उन्हें तसल्ली नहीं हुई। कहते, ‘मुझे एक पूरा कारोबार खुद चलाना है।’ अंततः फोर्ड को छोड़कर वे बेल एंड हाबेल का प्रधान अधिकारी बन बैठे। यह कंपनी फोर्ड के मुकाबले बित्ते भर की थी, मगर ‘पूरी की पूरी’ उनकी अधीन थी।

जबर्दस्त जिज्ञासु बनें – उद्योगपति जबर्दस्त जिज्ञासु होते हैं। वह कभी भी अपनी जगह पर नहीं बैठते। वह दूसरे विभागों में घूमते हैं, लोगों से सवाल जवाब करते हैं, उन्हें परामर्श देते रहते हैं। एटी एंड टी के पूर्व प्रधान अधिकारी जॉन डिबट्स कई बार मेंटेनेंस विभाग के कर्मचारियों के साथ टेलीफोन लगाने या तारों की मरम्मत में उनका हाथ बंटाते रहते।

कोई मौका न चूकें – उद्योपतियों की कुछ औऱ विशेषताएं भी होती हैं। मौका न चूकने के मामले  में सब लाजवाब होते हैं। निजी फायदे का कोई भी मौका उनके हाथ से नहीं निकल सकता। इन सबके अलावा, यो लोग सच्चे अर्थों में आस्थावान होते हैं। अपने काम में, अपने माल में, अपनी कंपनी में औऱ निरंकुश उद्योग प्रणाली में उन्हें गहरी आस्था होती है। औऱ क्यों न हो, इसमें उन्हें सफलता जो मिली है।

 

सफलता की गारंटी है जिम्मेदारी का निर्वाह

इन्फोसिस के विशाल सिक्का कहते हैं कि अनिश्चितता से घबराकर कई इंसान नए कदम उठाना बंद कर देते हैं। सफलता पाने वाला व्यक्ति कभी भी अनिश्चितता से नहीं घबराता। करियर में सफलता के लिए आपको नई जिम्मेदारियां लेने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। इससे आपको अनुभव मिलता है जो भविष्य में काफी काम आता है।

 

भावनाओं पर काबू है जरूरी – अगर आप इमोशन्स पर कंट्रोल करना नहीं जानते हैं तो प्रोफेशनल व पर्सनल लाइफ में जिम्मेदार व्यक्ति नहीं बन सकते। भावनाओं को दबाने के बजाय उन्हें सही शब्दों और कार्यों के माध्यम से अभिव्यक्त करना सीखें। किसी व्यक्ति पर गुस्सा आ रहा है तो उस पर टूट पड़ने के बजाय संयम से काम लेना सही रहता है।

आत्मविश्वास कायम रखें – वह काम करें, जो आपको लगता है कि सही है। लोगों की सोच को अपनाने के बजाय अपनी स्वतंत्र सोच बनाएं। खुद पर विश्वास करें। अपनी तुलना दूसरों के साथन करें। खुद परविश्वास करने से ही मंजिल मिल सकता है। जिम्मेदार व्यक्ति जानता है कि उसको हर समस्या का समाधान खुद ही खोजना है।

फीडबैक का फायदा उठाएं – जिम्मेदार व्यक्ति अपनी आदतों पर गौर करता है और अपनी कमियों  को दूर करने की कोशिश करता है। वह अपने व्यवहार के बारे में दोस्तों और परिजनों के कमेंट्स यानी फीड बैक को ध्यान से सुनता है और खुद में जरूरी बदलाव करता है। अपनी कमियों को दूर करना अच्छी आदत है। इससे जिम्मेदारी का अहसास होता है।

अहसान को चुकाएं भी – कई बार आपने लोगों से अपना पक्ष लेने के लिए कहा होगा। जिम्मेदार व्यक्ति वापस लौटाने में यकीन रखता है औऱ दूसरों की मदद करता है। जरूरी नहीं है कि हमेशा पैसे से मदद की जाए, आप समय देकर या स्किल्स सिखाकर भी मदद कर सकते हैं। किसी का अहसान सिर्फ लेना ही नहीं चाहिए बल्कि समय पर चुकाना भी चाहिए। इससे आगे के रास्ते खुलेंगे।

जिम्मेदारी पूर्ण व्यवहार करें – जिम्मेदार व्यक्ति अपने शब्दों औऱ कार्यों से दूसरों को प्रभावित करता है। उसके चलने, बात करने के अंदाज से पता लग जाता है कि वह जिम्मेदार व्यक्ति है। वह अपने अच्छे गउणों के बारे में सबको बताता है। वह लोगों से उसी तरह से व्यवहार करता है, जैसा व्यवहार वह खुद अपने लिए चाहता है। इस तरह वह कभी परेशान नहीं होता।

लक्ष्य को प्राथमिकता दें – जिम्मेदार व्यक्ति पहले अपना लक्ष्य तय करता है और फिर उसे प्राप्त करने का एक ठोस प्लान बनाता है। वह अपने प्लान के अनुरूप काम करता है औऱ मुश्किलों को दूर करने में जी-जान लगा देता है। वह अपने रोज के लक्ष्यों को पूरा करते हुए जीवन में बड़ा लक्ष्य हासिल करता है। वह हमेशासंतुष्ट रहता है।

विश्वसनीय बनें – आपको विश्वसनीय और आपकी बातों और कार्यों में अंतर नहीं होना चाहिए। गलती होने पर अपनी जिम्मेदारी लेना सीखें। अपनेनिर्णयों से जुड़े परिणामों के लिए सदैव तैयार रहें। गलतियों के लिए किसी अन्य को दोषी ठहराने की कोशिश न करें। ध्यान रहे, आप एक बार सबको ठग सकते हैं लेकिन बार बार सबके साथ गेम नहीं खेल सकते। विश्वसनीयता खत्म होने पर सफलता की राह मुश्किल हो जाएगा।

सामाजिक संबंधों को संवारें – जिम्मेदार व्यक्ति अपने मित्रों, रिश्तेदारों और परिवार के साथ समय गुजारना नहीं भूलता है। वह सब से नियमित रूप से मिलता जुलता है। अगर मिलना संभव नहीं होता, तो वह कॉल करके हाल-चाल पूछता है। उसके सामाजिक व्यवहार से ही उसकी जिम्मेदारी के बारे में पता लगता है।

 

शिखर चंद जैन

कोलकाता(प.बंगाल)

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।