हिन्दी में हो न्यायिक कामकाज

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                    निज भाषा में न्याय की,फिर से जगी है आस । 
                    इस बार मिलेगी अवश्य सफलता,मन में है विश्वास।। 

उच्च न्यायालयों में हिन्दी एवं अन्य भारतीय भाषाओं के उपयोग  संबंधी संसदीय समिति के सुझावों पर शीघ्रता से अमल हेतु प्रधानमंत्री को पत्र लिखा गया हैl19-20 फरवरी 2017 को देश के प्रमुख समाचार-पत्रों में छपे समाचार अनुसार कार्मिक, लोक शिकायत,विधि और न्याय संबंधी मामलों की संसदीय समिति ने सभी 24 उच्च न्यायालयों में न्यायिक कामकाज हिन्दी एवं संबंधित राज्य की राजभाषा में किए जाने की सिफारिश की है। उक्त समिति द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में यह कहा गया है कि,इस विषय पर संविधान के अनुच्छेद 348 (2) में स्पष्ट प्रावधान है कि,संबंधित राज्य के राज्यपाल द्वारा राष्ट्रपति की पूर्व सहमति से हिन्दी/राज्य की राजभाषा मेंकारवाई किए जाने की अनुमति दी जा सकती हैl इस हेतु न्यायालय से विचार-विमर्श करने की आवश्यकतानहीं है। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव अतुल कोठारी ने  संसदीय समिति के उक्त सुझावों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी,गृहमंत्री  राजनाथ सिंह तथा विधि और न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि,भारत सरकार इस पर अतिशीघ्र कारवाई करे। प्रधानमंत्री महोदय को भेजे गए पत्र के साथ समाचार पत्रों की प्रतियाँ,संसदीय समिति की रिपोर्ट तथा कर्नाटक राज्य के कैबिनेट द्वारा पारित पत्र की प्रतियाँ भी संलग्न की गई हैं।

#प्रधानमंत्री को लिखा पत्र

matruadmin

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मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।