एहसास

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naresh kumar
एक मृदुल वायु का झोंका
मुझे इस कदर
छूकर निकल गया,
कि मेरा ध्यान
एकाएक
वहीं स्तब्ध रह गया,
मेरे रूह को
इतना प्यारा अनुभव
पहली दफा हुआ था,
जो बरबस ही सोचने पर
मजबूर कर दिया,
कि वह जादू भरी पवन
मेरे जेहन में
किसका एहसास दिलाने का
प्रयास कर रही है…?
मेरी आंखें लालायित थीं
उसकी एक झलक को,
ये धड़कनें तेज हो चली थीं।
अजीब उत्सुकता थी
उस प्यारे प्रेषक को जानने की,
मैं बावला-सा बेचैन
कभी नजरें दौड़ाता,
कभी पग चलाता
कमरे से दरवाजे पर थमा,
तो देखा…
मेरे बरामदे की मेज पर
मुस्कुराता गुलाब
और संलग्न
एक कागज का टुकड़ा,
जो हल्की पवन के हिलोर से
फड़फड़ाता
कुछ कहने को
आतुर नजर आया,
कब मेरे पग त्वरित हुए
और मेज के करीब पहुँचा
पता भी न चला,
पहुँचते ही-
मेरे होंठों पर
बेसबब
मुस्कान उमड़ पड़ी,
हृदय पर बसंत-बहार की
रौनकता सज गई।
उस गुलाब से किसी के
अद्वितीय स्नेहिल स्पर्श की
अनुभूति हुई थी,
नयनों से खुशी के आंसू
छलक पड़े थे।
कारण-वश
उस कागज की लिखावट को
पढ़ भी नहीं पाया था।
जिस पर लिखा था-
आपका
हृदयवासी
शुभ-चिन्तक॥

#नरेश कुमार जगत 

परिचय: नरेश कुमार जगत का साहित्यिक उपनाम-जगत नरेश हैl आपका मुकाम-महासमुंद जिला के नवागाँव (गनेकेरा,राज्य-छत्तीसगढ़) में हैl १९८३ में विजयादशमी के दिन जन्मे श्री जगत का जन्म स्थान-नवागाँव ही हैl आपने आपनी विद्यालयीन शिक्षा ही पूरी की है और कार्य कके तौर पर घरेलू व्यवसाय कृषि में लगे हुए हैंl लेखन में आप हाइकु, सोदोकु,तांका,गीत सहित कविता,मुक्तक,लघुकथा,संस्मरण और मुक्त छंद आदि रचते हैं। विशेष कार्य-कम्प्यूटर ऑपरेटर (डी.टी.पी. सहित फोटो-वीडियो मिक्सिंग,कोरल आदि) की दक्षता है तो गायन,कपड़े सिलाई,रेखांकन और चित्रांकन के साथ ही सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय हैंl सम्मान में आपको बाबू बालमुकुन्द गुप्त साहित्यिक सेवा सम्मान व दमकते दीप साहित्यकार सम्मान दिया गया हैl सामाजिक कार्यों में आप जिला छत्तीसगढ़ में कुछ संघ से जुड़े हुए हैंl आपकी लेखनी का उद्देश्य-हिंदी को बढ़ाना,सामाजिक जागरूकता व उत्थान करना हैl

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।