ग़ज़ल

2
0 0
Read Time2 Minute, 14 Second

naveen

ग़ज़ल …………1

जख़्म कितने छुपाने पड़े।
सौ   बहाने  बनाने   पड़े।
====================
आँसुओं पर नज़र जब गई,
हैं  ख़ुशी  के  ,जताने  पड़े।
====================
जो  तरफ़दार बनकर मिले,
नाज़   उनके  उठाने   पड़े।
====================
पास थे जो शिक़ायत,गिले,
आज दिल से हटाने   पड़े ।
====================
जो ख़ुशी ने  दिए   फायदे,
सब  हवा  में  उड़ाने  पड़े।
====================
आजमाएँ किसे,कब,कहाँ,
वो   तरीके  जुटाने   पड़े।
====================
ग़ज़ल…………..2

उसका चेहरा मेरे   आँगन में मुस्कुराता है।
जो सुबह -शाम मुझे जितना याद आता है।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
इस सलीके से   निभाता   है वो मेरे रिश्ते,
पास आकर वो  मेरे, झुक के बैठ जाता है।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
वो हरेक  बात  मुझे  पूछने की आदत है,
जो हरेक बात कोई  मुझसे आज़माता है।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
आसमाँ की बड़ी  रौनक है सितारे उसके,
रात भर ले के उन्हें जग पे झिलमिलाता है।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
यूँ हवाओं  में तरन्नुम की वज़ह होती है,
कोई पत्ता कहीं जब हिल के गुनगुनाता है।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
ग़ज़ल……………3
सभी  में  जो   कमी देखा करेगा।
मुहब्बत वो किसी से क्या करेगा।
====================
कभी जाकर पराये उस शहर में,
पता  उसका  कहाँ  पूछा करेगा।
====================
बदलकर फिर सभी अपने इरादे,
यूँ मुश्किल हाल वो पैदा करेगा।
===================
ग़ज़ल हो जायेगी उस क़ायदे की,
जिसे जिस हाल में लिक्खा करेगा।
====================
कि उसकी गैर  से पहचान क्यूँ है,
कहाँ तक बात  ये  सोचा  करेगा।
====================
ग़ज़ल………..4

झूठ के बूते  नाम  कमाया जाएगा।
अफवाहों से दिल बहलाया जायगा।
____________________________
हमसे लेकर हमकों ही देंगें लेकिन,
हम पर वो अहसान जताया जायेगा।
___________________________
जितने उनकी बातों में आएँ उनसे,
लोकतन्त्र का खेत जुताया जायेगा।
___________________________
जाति-धर्म के जरिये पाएँ  वो सत्ता,
हमको आपस में लड़वाया जायेगा।
___________________________
लाभ दिलाएँ जायेंगें जो सरकारी,
सच्चाई का हक झुठलाया जायेगा।
____________________________
नेक इरादे तोड़ेगें सब दम अपना,
ग़ुस्ताखी का ज़श्न मनाया जायेगा।

 #नवीन माथुर पंचोली

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

2 thoughts on “ग़ज़ल

  1. बेहतरीन गजलें सरजी
    जिंदगी के अहसास हैं इरादे हैं ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

मेरा दिल चाहता है 

Wed Jun 13 , 2018
बड़ी मुददत और श्रध्दा से चाहा है तुम्हें l बड़ी दुआओं और अच्छे कर्मो से पाया है तुम्हें I तुम ने भुलाने का सोचा भी कैसे प्रिये l किस्मत की लकीरों से हमने चुराया है तुम्हें।1  इसलिए कहता हूँ की जिसे निभा न सकूँ /  ऐसा वादा में कभी नही […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।